विधानसभा में भारी हंगामें के बीच एक ओर जहां नीतीश कुमार ने विश्वासमत हासिल कर लिया है। वहीं, दूसरी ओर राजद नेता शिवानंद तिवारी ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है।
बिहार में राजनीतिक समीकरण बड़ी तेजी से बदले रहे हैं। नीतीश कुमार द्वारा भाजपा के समर्थन से सरकार बनाने के फैसले को लेकर अब जदयू में फूट के आसार तेज हो गए हैं। अली अनवर जैसे जेडीयू के बड़े नेता इस पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं इस फैसले पर शरद यादव भ्ाी नाराज बताए जा रहे हैं।
नीतीश कुमार महागठबंधन की गाठें छुड़ाकर अपने पुराने साथी रहे एनडीए से गठजोड़ कर चुके हैं। सियासी गलियारों में इस घटना ने हलचल तेज कर दी है। अब सवाल उठ रहे हैं कि एनडीए के विरोध में महागठबंधन के सूत्रधार रहे नीतीश कुमार एकाएक पाला बदलकर कैसे ‘कमल’ में रंग भरने को तैयार हो गए?
बिहार में नीतीश कुमार के द्वारा महागठबंधन तोड़कर एनडीए से हाथ मिलाने को लेकर उनकी पार्टी जदयू में विरोध के स्वर साफ सुनाई दे रहे हैं। वहीं अब आरजेडी में भी फूट पड़ने की खबर सामने आ रही है।
जनता दल (यू) की केरल इकाई ने नीतीश कुमार के महागठबंधन' को तोड़ने और भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ मिलाने के फैसले का भारी विरोध किया है। इसे लेकर केरल यूनिट ने जदयू से बाहर आने का फैसला किया है।
सुशील मोदी को सुमो भी कहा जाता है। सुशील मोदी ने लालू और उनके परिवार के पास करीब एक हजार करोड़ रुपये की 'बेनामी संपत्ति' होने का दावा किया था। इस पर लालू यादव ने सुशील मोदी पर मानहानि का मुकदमा करने की धमकी भी दी।
नीतीश कुमार ने एनडीए के समर्थन से सरकार बना ली है। लेकिन आरजेडी ने बड़ी पार्टी होने के बाद भी सरकार बनाने के लिए राज्यपाल द्वारा आमंत्रित नहीं किए जाने को लेकर प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया है।
बिहार में जेडीयू-आरजेडी और कांग्रेस के बीच गठबंधन टूटने पर विपक्ष निराश है। विपक्ष के ज्यादातर दलों का कहा है कि नीतीश कुमार को किसी भी तरह से गठबंधन बचाना चाहिए था। वहीं जेडीयू का कहना है कि हमने बहुत कोशिश की।
जदयू-राजद के बीच बढ़ रही दरार को कम करने की कोशिशें तेज है। वहीं रविवार को जदयू विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। इसके पहले शरद यादव ने सोनिया गांधी से मुलाकात की है।