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गूगल इनपुट से लेकर मिश्री टपकाते गानों तक, ये हैं हिंदी के लिए उम्मीदों के दीए

गूगल इनपुट से लेकर मिश्री टपकाते गानों तक, ये हैं हिंदी के लिए उम्मीदों के दीए

पिछले कुछ सालों में गूगल इनपुट से लेकर मिस्री टपकाते गानों, कहानियों के जरिए हिंदी मुस्कुरा उठी है। आइए इन उम्मीदों के जगमग दीयों की ओर निहारें।
प्रशांत भूषण का दावा, मुस्लिमों ने लिखे आजादी के सारे नारे-तराने, कहां थे हिंदू?

प्रशांत भूषण का दावा, मुस्लिमों ने लिखे आजादी के सारे नारे-तराने, कहां थे हिंदू?

प्रशांत भूषण जब भी कुछ कहते हैं, विवादों में आ जाते है। कश्मीर जनमत संग्रह पर दिए गए बयान पर तो उनके साथ हाथापाई भी हो गई थी।
'ढिंचैक पूजा' के फैंस के लिए बुरी खबर, यूट्यूब से गायब हुए सारे गाने

'ढिंचैक पूजा' के फैंस के लिए बुरी खबर, यूट्यूब से गायब हुए सारे गाने

अपनी बेसुरी आवाज और रैप से सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरने वाली 'ढिंचैक पूजा' के फैंस के लिए एक बुरी खबर है। वो ये कि 'ढिंचैक पूजा' के यूट्यूब पेज से एक गाने को छोड़कर उनके सारे गाने गायब हो गए हैं।
जगजीत ने छू लिया जिन गीतों को...

जगजीत ने छू लिया जिन गीतों को...

सुप्रसिद्ध गजल गायक जगजीत सिंह ने नवें दशक की कुछ फिल्मों में पत्नी चित्रा के साथ बेहतरीन संगीत दिया था। इसकी शुरुआत उन्होंने पहले ही कर दी थी, पर आठवें दशक में उनके द्वारा संगीतबद्ध और राजेंद्र सिंह बेदी द्वारा निर्देशित ‘अपनी धरती अपना देश’ प्रदर्शित नहीं हो पाई। इस फिल्म में उन्होंने रफी और साथियों के स्वर में बिस्मिल लुधियानवी का गीत 'वतन के जर्रे-जर्रे पर’ रेकॉर्ड किया था।
महाराष्ट्र सरकार के विरोध में किसानों ने खेली दूध की होली, धारा 144 लागू

महाराष्ट्र सरकार के विरोध में किसानों ने खेली दूध की होली, धारा 144 लागू

महाराष्ट्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाने वाले किसानों के आंदोलन का असर आज दूसरे दिन भी बरकरार है। कर्ज माफी की मांग को लेकर किसान गुरुवार से हड़ताल पर हैं। राज्य में किसान आंदोलन में जारी हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है। किसानों ने बुलडाणा में दूध से होली भी खेली।
कौन होगा रंगरेज...कौन होगा बदरंग

कौन होगा रंगरेज...कौन होगा बदरंग

रंगों के त्यौहार से ऐन पहले उत्तर प्रदेश में शनिवार को चुनाव नतीजों का पिटारा खुलने के साथ ही यह तय हो जाएगा कि इस बार कौन होली मनाएगा और किसकी उम्मीदें बदरंग हो जाएंगी।
मथुरा में रंग बरसने लगे,  बरसाना में लठमार से मच रही धूम

मथुरा में रंग बरसने लगे, बरसाना में लठमार से मच रही धूम

ब्रज में रंग और उमंग के अनूठे त्यौहार होली का आनंद फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि वसंत पंचमी के दिन से ही बिखरने लगता है किंतु फाल्गुन शुक्ल नवमी के दिन बरसाना की लठमार होली से वह आनंद मानों परवान चढ़ जाता है। उसके बाद तो फिर होलिका दहन के दस दिन बाद तक रंगों की धूम मची रहती है।
होली के मारक महीने में राष्ट्रवाद

होली के मारक महीने में राष्ट्रवाद

कपार पर गुलाल की बिंदी लगाने को ही होली मान लेने वालों को राजद्रोही मानना चाहिए। होली तो ऐसी होनी चाहिए कि अगल-बगल के चार घरों से लोग निकल कर देखें और कहें वाह क्या होली है
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