लोकसभा ने शुक्रवार को आधार वित्तीय और अन्य सहयोगी, प्रसुविधाओं और सेवाओं का लक्षित परिदान विधेयक 2016 पारित कर दिया। विधेयक के संबंध में व्यक्तियों की गोपनीयता सार्वजनिक होने और दुरुपयोग किये जाने की कुछ सदस्यों की आशंकाओं को खारिज करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इसका एकमात्र उद्देश्य आम लोगों, गरीबों तक कल्याण योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि हरियाणा में जाट आंदोलन से निपटने के क्रम में केंद्र या राज्य सरकार की ओर से कोई चूक नहीं हुई थी। वहीं लोकसभा में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि आंदोलन के दौरान लगभग 2,314 ट्रेनें रद्द हुईं और टिकट रद्द होने तथा संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से रेलवे को 55.92 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
बजट में ईपीएफ संबंधी प्रस्ताव को लेकर विभिन्न वर्गों की आलोचनाओं के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कर्मचारी भविष्य निधि से राशि निकालने पर कर लगाने के विवादास्पद प्रस्ताव को वापस लेने की घोषणा की।
सरकार ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय सूचना आयुक्त केवल इस आधार पर आरटीआई आवेदन और शिकायतों को वापस नहीं करेंगे कि आवेदन के साथ फोटो पहचान पत्र नहीं लगाया गया है।
माकपा सांसद मोहम्मद सलीम ने सोमवार को असहिष्णुता पर चल रही चर्चा के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह के प्रकाशित कथित बयान का उल्लेख किया, जिस पर सत्तापक्ष के भारी हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ गई।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि सरकारी विभागों में श्रमबल के अभाव के कारण सरकार के पास तकरीबन 2.46 लाख पेटेंट आवेदन जबकि 5.32 लाख व्यापार चिह्न पंजीकरण लंबित पड़े हैं।
देश में बढ़ रही असहिष्णुता के माहौल को लेकर सोमवार को दिए अपने बयान पर मचे बवाल के बाद बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान ने आज एक बयान जारी कर कहा है कि वह अपनी बातों पर कायम हैं लेकिन उनका और उनकी पत्नी का देश छोड़ने का कोई इरादा नहीं है।
देश में असहिष्णुता के कारण बढ़ती बेचैनी पर अपनी टिप्पणी के लिए अभिनेता आमिर खान चौतरफा आलोचनाओं के घेरे में आ गए हैं। जहां भाजपा ने उनके बयान को देश को बदनाम करने की कांग्रेस की गहरी राजनीतिक साजिश करार दिया वहीं हिंदू सेना ने मुंबई स्थित उनके घर के बाहर विरोध प्रदर्शन कर उनसे टिप्पणी वापस लेेने की मांग की।
प्रेमचंद ने जातिभेद पर तीखा प्रहार किया है जो हमारे समाज के लिए आज भी रोशनी का स्रोत है। कफन और सद्गति से काफी पहले मुक्ति मार्ग में वह इस समस्या से गंभीर मुठभेड़ कर चुके थे और उनका लेखन इस समस्या को दिखाता ही नहीं बल्कि इसे हल करने की दिशा भी देता है।