Advertisement

Search Result : "gupt"

जन्मदिन विशेष: काजोल हिंदी सिनेमा के आधुनिक दौर की सबसे सादगी पसन्द और सशक्त अभिनेत्री

जन्मदिन विशेष: काजोल हिंदी सिनेमा के आधुनिक दौर की सबसे सादगी पसन्द और सशक्त अभिनेत्री

5 अगस्त को हिंदी सिनेमा की सफल अभिनेत्री काजोल का जन्मदिन होता है। काजोल का जन्म 5 अगस्त 1974 को मुंबई में...
कहानी - बेआवाज टूटती हैं कोंपलें

कहानी - बेआवाज टूटती हैं कोंपलें

चिरगांव, झांसी, उ.प्र. में जन्म। जवाहर लाल विश्वविद्याल से पीएच.डी। कहीं कुछ और, किशोरी का आसमां, एक न एक दिन और कुल जमा बीस, ये आम रास्ताव नहीं, कितने कठघरे उपन्यारस। एक नई सुबह, हाट बाजार, प्रेम संबंधों की कहानियां, अस्ताचल की धूप कहानी संग्रह। स्त्री विमर्श पर भी काम। सुनो तो सही ( आलोचनात्मंक पुस्तंक) बहेलिया समय में स्त्रीर दो पुस्तकें पुरस्कांर / सम्मारन, युवा लेखन सर्जना पुरस्काधर ( उत्ततर प्रदेश हिंदी संस्थासन द्वारा ), आर्यस्मृसति साहित्यं सम्मा न (किताब घर प्रकाशन) किशोरी का आसमां पर अमृत लाल नागर पुरस्का‍र, कलमकार फाउंडेशन द्वारा अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कानर, उत्तपर प्रदेश हिंदी संस्था न द्वारा अस्तााचल की धूप कहानी संग्रह पर सर्जना पुरस्कावर। विभिन्नल विश्वविद्यालयों में कई उपन्या सों और कहानी संग्रहों पर शोध कार्य।
कोई है, जो सुन रहा है

कोई है, जो सुन रहा है

‘कितने कठघरे’ रजनी गुप्त की नवीनतम पुस्तक है। यह विचलित कर देने वाली पुस्तक है। वस्तुतः यह पुस्तक है ही नहीं, मार्मिक गुहार है। कोई है, जो सुन रहा है ? इसको पढ़ते-पढ़ते अपने निजी घावों के टांके खुलने लगते हैं। न जाने कितने चेहरे हैं जो न्याय मांगने हमारे सामने आ खड़े होते हैं - शंकर गुहा नियोगी, सोनी सोरी, डॉ. विनायक चटर्जी - और वह पत्रकार, जो स्वामी अग्निवेश की मध्यस्थता के आश्वासन पर बस्तर गया था, उसकी हत्या ? ये कुछ नाम हैं, हजारों ऐसे नाम होंगे जो अब याद नहीं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement