Advertisement

Search Result : "gang rape in train"

अलविदा अरुणा शानबाग

अलविदा अरुणा शानबाग

(एजेंसी) 38 साल बाद बिना न्याय पाए अरुणा शानबाग ने आखिरकार दुनिया को अलविदा कह दिया है। शानबाग हमारे देश में महिलाओं के प्रति गंभीर यौन अपराध, कुंठित सामाजिक व्यवस्था, ढीली न्याय व्यवस्था का जीता जागता सुबूत थी।
‘प्यारी मौत शुक्रिया, अरुणा को ले जाने के लिए’

‘प्यारी मौत शुक्रिया, अरुणा को ले जाने के लिए’

38 साल बाद बिना न्याय पाए अरुणा शानबाग ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। जैसे ही अरुणा शानबाग की मौत की खबर की पुष्टि हुई, सोशल मीडिया पर हैशटेग # Aruna shanbaug पर सेलिब्रिटिज समेत तमाम लोगों ने अरुणा के प्रतिं संवेदना जाहिर की। कुछ ने बलात्कार पर कानून के ढीले रवैये पर गुस्सा जाहिर किया तो कुछ ने समाज पर। इस बीच ज्यादातर लोगों ने मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) अस्पताल के स्टाफ की उन नर्सों को सलाम किया, जो बिना स्वार्थ के पिछले 38 सालों से अरुणा की सेवा कर रही थीं। फेसबुक और टि्वटर पर अरुणा को श्रद्धांजलि संबंधी कुछ टिप्पणियां-
लोकसभा में उठा रेल यात्रियों की सुरक्षा का मुद्दा

लोकसभा में उठा रेल यात्रियों की सुरक्षा का मुद्दा

लोकसभा में कांग्रेस के एक सदस्य ने रेल यात्रियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया और इस दौरान सियालदाह-कृष्णानगर लोकल ट्रेन के एक डिब्बे में मंगवार तड़के हुए विस्फोट का जिक्र करते हुए सरकार पर यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
'पत्‍नी से बलात्‍कार' भारत में नहीं होता: केंद्र सरकार

'पत्‍नी से बलात्‍कार' भारत में नहीं होता: केंद्र सरकार

भारत सरकार का कहना है कि पत्‍नी से बलात्कार की अवधारणा भारत में लागू नहीं हो सकती। क्‍योंकि यहां विवाह को संस्कार माना जाता है। इस तर्क के आधार पर सरकार ने वैवाहिक संबंधों में होने वाले बलात्‍कार को कानूनन अपराध बनाने से इंकार कर दिया है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement