Advertisement

Search Result : "from Muslim delivery"

रोहिंग्या मुस्लिमों पर UN की आलोचना पर भारत का जवाब, सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं कर सकते

रोहिंग्या मुस्लिमों पर UN की आलोचना पर भारत का जवाब, सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं कर सकते

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा है कि म्यामांर के रखाइन प्रांत में ताजा हिंसा की वजह से 25 अगस्त से अब तक 3,13,000 रोहिंग्या बांग्लादेश की सीमा में दाखिल हो चुके हैं।
मिसाल: मुस्लिम परिवार ने हनुमान मंदिर के लिए दान की अपनी जमीन

मिसाल: मुस्लिम परिवार ने हनुमान मंदिर के लिए दान की अपनी जमीन

साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए मध्य प्रदेश में 34 वर्षीय एक मुस्लिम व्यक्ति ने हनुमान मंदिर के लिए अपनी जमीन दान में दी।
तीन तलाक: SC के फैसले का मुस्लिम संगठनों ने किया स्वागत, कहा- यह इस्लाम की जीत

तीन तलाक: SC के फैसले का मुस्लिम संगठनों ने किया स्वागत, कहा- यह इस्लाम की जीत

तीन तलाक मामले पर सुप्रीम कोर्ट के पांच में से तीन जजों के असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद लोगों में इस फैसले को लेकर खुशी की लहर दौड़ उठी है।
दर्दनाक: एंबुलेंस ना मिलने से महिला की रास्ते में डिलीवरी हुई, नवजात बच्ची की मौत

दर्दनाक: एंबुलेंस ना मिलने से महिला की रास्ते में डिलीवरी हुई, नवजात बच्ची की मौत

महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरही ले जाने के लिए उसका पति स्वास्थ्य केंद्र से करीब डेढ़ घंटे तक गुहार लगाता रहा। महिला के परिजनों ने आरोप लगाया कि महिला को एंबुलेंस नहीं मिली।
प्रशांत भूषण का दावा, मुस्लिमों ने लिखे आजादी के सारे नारे-तराने, कहां थे हिंदू?

प्रशांत भूषण का दावा, मुस्लिमों ने लिखे आजादी के सारे नारे-तराने, कहां थे हिंदू?

प्रशांत भूषण जब भी कुछ कहते हैं, विवादों में आ जाते है। कश्मीर जनमत संग्रह पर दिए गए बयान पर तो उनके साथ हाथापाई भी हो गई थी।
क्या हिंसक भीड़ का कोई धर्म होता है?

क्या हिंसक भीड़ का कोई धर्म होता है?

'आवारा भीड़ के खतरे' नामक शीर्षक के अपने निबंध में हिन्दी साहित्य जगत के मूर्धन्य निबंधकार हरिशंकर परसाई जी लिखते हैं, "दिशाहीन, बेकार, हताश, नकार वादी और विध्वंस वादी युवकों की यह भीड़ खतरनाक होती। इसका उपयोग खतरनाक विचारधारा वाले व्यक्ति या समूह कर सकते हैं। इसी भीड़ का उपयोग नेपोलियन, हिटलर और मुसोलिनी जैसे लोगों ने किया था।"
नॉट इन माइ नेम: ‘यह प्रदर्शन सिर्फ जुनैद के लिए नहीं है’

नॉट इन माइ नेम: ‘यह प्रदर्शन सिर्फ जुनैद के लिए नहीं है’

मॉब लिचिंग के खिलाफ देशभर में बुधवार को प्रदर्शन हुआ। सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार, सहित फिल्मी जगत के लोगों ने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों का पुरजोर विरोध किया। साथ ही मॉब लिचिंग के खिलाफ कानून बनाने की मांग रखी।
Advertisement
Advertisement
Advertisement