नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की भारत यात्रा से पहले आज नेपाल ने साफ कर दिया है कि संविधान संशोधन का मुद्दा नेपाल का आंतरिक मामला है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों को पूर्व में उपजे नाकेबंदी जैसे मसलों पर आत्मचिंतन करना चाहिए।
भारत यात्रा पर आए मॉरीशस के वित्त मंत्री प्रविंद कुमार जगनाथ ने आज विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान दोनों देशों ने रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में व्यापक सहयोग की संभावनाएं तलाशीं।
पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने के प्रयास के तहत केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह अगले सप्ताह रूस और अमेरिका का दौरा करेंगे जहां वह पड़ोसी देश द्वारा प्रायोजित आतंकवाद और क्षेत्र में आईएसआईएस की गतिविधियों का मुकाबला करने के प्रयासों को लेकर बातचीत करेंगे।
लगातार दो सालों तक सूखे के बाद भारत में औसत बारिश हुई है। बारिश अगस्त के अंत तक 100 फीसदी के औसत से 2 प्रतिशत कम थी। लेकिन इसके बावजूद देश के एक तिहाई से ज्यादा हिस्से में कम बारिश हुई है। जिस कारण से यहां सूखे का संकट उत्पन्न होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने भारत आने वाली विदेशी महिला पर्यटकों को ख़ुद की सुरक्षा के लिए छोटे कपड़े और स्कर्ट नहीं पहनने की सलाह दी है। उन्होंने इन महिलाओं को रात में अकेले बाहर नहीं निकलने की सलाह भी दी है।
ब्रिक्स देशों के पर्यटन मंत्री खजुराहो में दो दिवसीय पर्यटन सम्मेलन के लिए एक सितंबर से जुटेंगे। इसमें भारत समेत ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के पर्यटन मंत्रियों सहित प्रतिनिधि मंडल हिस्सा लेगा।
तुर्की के विदेश मंत्री मौलूद काउसोगलू ने भारत से कहा है कि फतहुल्ला टेररिस्ट आर्गनाइजेशन (फेटो) ने भारत में घुसपैठ कर ली है। उन्होंने भारत से कहा कि फेटो को निकाल बाहर करने के लिए सख्त कार्रवाई की जरूरत है। पिछले महीने तुर्की में तख्तापलट की नाकाम कोशिश के लिए वहां की सरकार ने फेटो को जिम्मेदार ठहराया है।
भारत और पाकिस्तान के बीच विदेश सचिव स्तर की वार्ता के बारे में भारत ने बुधवार को कहा कि गेंद अब पाकिस्तान के पाले में है। भारत ने जोर देकर कहा कि इस्लामाबाद को ही सीमापार से जारी आतंकवाद, जम्मू कश्मीर के हिस्से पर अवैध कब्जे और आतंकी शिविरों को बंद करने पर निर्णय लेना है।
देश की आजादी के समय 1947 में हुए विभाजन के बाद परिवार के पाकिस्तान चले जाने के बावजूद मशहूर चित्रकार सैयद हैदर रजा ने भारत में ही रहने का फैसला किया था। उनके इस फैसले के पीछे उनकी मातृभूमि के प्रति वफादारी तो थी ही, लेकिन इसकी एक वजह महात्मा गांधी के प्रति उनका लगाव भी था।