प्रसिद्ध वैज्ञानिक और परमाणु उर्जा आयोग (एईसी) के सदस्य एम आर श्रीनिवासन ने शनिवार को कहा कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के मुद्दे पर केंद्र का जोर देना अनावश्यक, अवांछित और गलत सलाह पर उठाया गया कदम था। शुक्रवार को भारत की 48 सदस्यीय समूह की सदस्यता हासिल करने की कई दिनों से जारी कोशिश नाकाम हो गई थी।
एस्सार फोन टैपिंग कांड में केंद्र सरकार जांच का आदेश दे सकती है। बताया जा रहा है कि एस्सार समूह के कथित शह पर की गई अवैध टैपिंग में सरकार बंद हो चुकी हचिसन टेलीकॉम और मुंबई पुलिस की भूमिका की जांच एक केंद्रीय एजेंसी से करवा सकती है।
मोहम्मद शमी के मैच में सात विकेट की बदौलत मोहन बागान ने गुलाबी गेंद से भारत में दूधिया रोशनी में खेले गए पहले चार दिवसीय क्रिकेट मैच में मंगलवार को कोलकाता के ईडन गार्डन्स में भवानीपुर क्लब को 296 रन से हरा दिया।
सियोल में सोमवार से से शुरू हुई 48 परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) देशों की बैठक के दौरान संगठन का सदस्य बनने की भारत की आशाओं को उस वक्त तगड़ा झटका लगा जब चीन ने कहा कि यह मुद्दा बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं है।
कुल 33 लघु एवं मझोले उपक्रमों की कारोबारी विस्तार तथा कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की योजना है। इन कंपनियों का बीएसई के एसएमई प्लेटफार्म पर सूचीबद्ध होने का इरादा है। इनका आईपीओ आगामी महीनों में आ सकता है।
अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने आखिरकार इतिहास रच दिया। अमेरिका के 240 सालों के इतिहास में वह ऐसी पहली महिला बननेे जा रही हैंं जो प्रमुख राजनीतिक दल के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार होंगी। उन्होंने डेमोकेट्रिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की जंग जीत ली।
विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत जेपी समूह की कंपनियों पर वित्तीय दबाव लगातार बढ़ रहा है। समूह ने करीब 4,460 करोड़ रुपये के रिण और अन्य भुगतान में चूक या डिफॉल्ट किया है। एकीकृत आधार पर समूह बैंकों को 2,905.6 करोड़ रुपये की मूल राशि तथा अन्य 1558.93 करोड़ रुपये के ब्याज का भुगतान करने में विफल रहा है।
अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा भी औपचारिक रूप से ट्रंप विरोधियों में शामिल हो गई हैं। उन्होंने राष्ट्रपति पद के भावी रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका आप्रवासियों को बाहर रखने के लिए दीवारें नहीं बनवाता है।
मानवाधिकार समूह द ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा है कि भारत राजद्रोह और आपराधिक मानहानि जैसे अस्पष्ट शब्दों वाले कानूनों का इस्तेमाल नियमित रूप से असंतोष को दबाने के लिए राजनीतिक हथियार के तौर पर करता है। एचआरडब्ल्यू ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह ऐसे कानूनों को रद्द करे जिनका इस्तेमाल शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति को गैरकानूनी घोषित करने के लिए किया जाता है।