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अप्रत्यक्ष कर संग्रह से पहली बार बजटीय लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद

अप्रत्यक्ष कर संग्रह से पहली बार बजटीय लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद

चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रत्यक्ष कर संग्रह बजट अनुमान से करीब 40,000 करोड़ रुपये अधिक हो सकता है जिससे सरकार को पिछले पांच साल में पहली बार राजस्व संग्रह का बजटीय लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने बुधवार को कहा कि इससे प्रत्यक्ष कर संग्रह में कमी की भरपाई हो जाएगी।
कालाधन: सरकार को मिला 2,428 करोड़ रुपये का टैक्स

कालाधन: सरकार को मिला 2,428 करोड़ रुपये का टैक्स

कालाधन के मामले में सरकार को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। कालेधन की घोषणा के लिए बनाए गए कंप्लायंस विंडो (अनुपालन खिड़की) के जरिये 31 दिसंबर तक विदेशों में अघोषित संपत्ति रखने वालों से 2,428.4 करोड़ रुपये का कर वसूला गया है। विंडो के तहत विदेशों में कालाधन रखने वालों द्वारा अघोषित संपत्ति के बारे में 600 से अधिक घोषणाएं की गईं।
10 लाख से ज्यादा कमाने वालों की एलपीजी सब्सिडी बंद

10 लाख से ज्यादा कमाने वालों की एलपीजी सब्सिडी बंद

सालाना दस लाख रुपये से अधिक आय वाले करदाताओं को अगले महीने से सब्सिडी वाला रसोई गैस सिलेंडर (एलपीजी) नहीं मिलेगा। सरकार ने सब्सिडी में कमी के लिए रियायती दरों पर सिलेंडरों की आपूर्ति सीमित करने का फैसला किया है।
डीडीसीए को हाईकोर्ट की दो टूक, एक करोड़ जमा करो फिर होगा टेस्ट

डीडीसीए को हाईकोर्ट की दो टूक, एक करोड़ जमा करो फिर होगा टेस्ट

दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) पर मंगलवार को एक साथ दो-दो गाज गिरी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में शर्त रखी है क डीडीसीए को बकाया मनोरंजन कर 24.45 करोड़ रुपये में से कम से कम एक करोड़ रुपये जमा करना होगा, तभी भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चौथा टेस्ट मैच हो सकता है। उधर, दिल्ली सरकार ने भी यह सिफारिश कर डीडीसीए की मुश्किलें बढ़ा दी कि बीसीसीआई द्वारा इस संस्‍था को निलंबित कर देना चाहिए। साथ ही सरकार ने इसकी जगह पेशेवर क्रिकेटरों की अंतरिम ‌समिति नियुक्त करने की सिफारिश की है।
डीडीसीए की अनियमितताओं पर नकेल कसेगी दिल्ली सरकार

डीडीसीए की अनियमितताओं पर नकेल कसेगी दिल्ली सरकार

दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में पिछले एक दशक से चल रही अनि‌यमितताओं और भ्रष्टाचार का दौर अब शायद खत्म होने की उम्मीद जगी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से क्रिकेटर गौतम गंभीर की मुलाकात के बाद सरकार ने दो सदस्यीय समिति गठित की है। वहीं, भाजपा सांसद और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद, बिशन सिंह बेदी और आकाश लाल सरीखे क्रिकेट शुभचिंतकों ने भी प्रेस कांफ्रेंस कर डीडीसीए के खिलाफ हल्ला बोल दिया है।
दिवाली से पहले दे दनादन महंगाई की मार

दिवाली से पहले दे दनादन महंगाई की मार

शुक्रवार को केंद्र सरकार द्वारा लिए गए दो फैसलों से देश में महंगाई की आग और भड़कने वाली है। एक फैसला पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ोतरी का है जिसके तहत केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल पर 1.6 रुपये और डीजल पर 40 पैसे प्रति लीटर की दर से एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है।
सर्विस टैक्‍स के साथ अब 0.5% स्‍वच्‍छ भारत सेस भी लगेगा

सर्विस टैक्‍स के साथ अब 0.5% स्‍वच्‍छ भारत सेस भी लगेगा

सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए सभी तरह की करयोग्य सेवाओं पर 0.5 प्रतिशत स्वच्छ भारत सेस वसूलने का फैसला किया है। यह उपकर पहले से लागू 14 प्रतिशत सर्विस टैक्‍स के अतिरिक्त होगा। यानी अब कुल मिलाकर 14.5 फीसदी सर्विस टैक्‍स देना होगा। इससे चालू वित्त वर्ष के बचे महीनों में जनता की जेब पर 400 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
कार्पोरेट कर में कटौती का पहला चरण अगले बजट में पेश होगा: जेटली

कार्पोरेट कर में कटौती का पहला चरण अगले बजट में पेश होगा: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि सरकार कार्पोरेट कर घटाकर 25 प्रतिशत करने की योजना के तहत अगले कुछ दिनों में कर छूटें खत्म करने का खाका पेश करेगी। इसके पहले चरण की घोषणा बजट में होगी।
अप्रैल-सितंबर अवधि में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 35.8 प्रतिशत बढ़ा

अप्रैल-सितंबर अवधि में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 35.8 प्रतिशत बढ़ा

उत्पाद शुल्क में लगभग 70 प्रतिशत के जोरदार उछाल के साथ अप्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 35.8 प्रतिशत बढ़कर 3.24 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि की झलक मिलती है। एक साल पहले इसी अवधि में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 2.38 लाख करोड़ रुपये रहा था।
कर देनदारी से बचने का दौर अब समाप्तः सीबीडीटी

कर देनदारी से बचने का दौर अब समाप्तः सीबीडीटी

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की चेयरपर्सन अनीता कपूर ने आगाह करते हुए गुरुवार को कहा कि कर देनदारी से बचने का समय अब बीत चुका। जो लोग अपने कारोबारी ढांचे के सहारे अपनी कर देनदारी को कम से कम रखने का प्रयास करते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।