Advertisement

Search Result : "dipika pallikal harinder gold medal"

दीपिका संग परिणय सूत्र में बंधे दिनेश कार्तिक

दीपिका संग परिणय सूत्र में बंधे दिनेश कार्तिक

भारतीय क्रिकेटर दिनेश कार्तिक भी आखिरकार स्‍क्वैश खिलाड़ी दीपिका पल्लिकल के साथ मंगलवार को परिणय सूत्र में बंध गए। दोनों की सगाई 15 नवंबर 2013 में ही हो गई थी।
स्वर्ण बांड योजना से 15,000 करोड़ जुटाएगी सरकार

स्वर्ण बांड योजना से 15,000 करोड़ जुटाएगी सरकार

सरकार चालू वित्त वर्ष में स्वर्ण बांड योजना से 15,000 करोड़ रुपये जुटाने पर विचार कर रही है। इस बारे में इसी महीने कैबिनेट नोट जारी किया जा सकता है।
अब ओ‌लंपि‌क में नहीं बरसेंगे विजेंदर के मुक्के

अब ओ‌लंपि‌क में नहीं बरसेंगे विजेंदर के मुक्के

देश के सबसे लोकप्रिय मुक्केबाज और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता विजेंदर सिंह ने एमेच्योर (शौकिया) मुक्केबाजी को छोड़कर अब पेशेवर मुक्केबाजी को अपना लिया है। इसका अर्थ यह है कि अब विजेंदर किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाएंगे और अगले वर्ष ओलंपिक में भी भाग नहीं ले पाएंगे। ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बनने के बाद विजेंदर भारतीय मुक्केबाजी का चर्चित चेहरा बन गए थे।
संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित होंगे 126 शांति रक्षक, दो भारतीय

संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित होंगे 126 शांति रक्षक, दो भारतीय

संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों के दौरान पिछले साल मारे गए सेना, पुलिस और असैन्य नागरिकों से जुड़े 126 लोगों को मरणोपरांत प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र मेडल से सम्मानित करेंगे।
सोने पर सुहागा, गोल्ड स्कीम का ब्याज होगा करमुक्त

सोने पर सुहागा, गोल्ड स्कीम का ब्याज होगा करमुक्त

घर व संस्थाओं में जमा सोने को देश के काम में लगाने के लिए लाई जा रही योजना के तहत सोने पर कमाई को करमुक्त किया जा सकता है। इस बारे में वित्त मंत्रालय ने 2 जून तक जनता की राय मांगी है।
गगन नारंग को मिला ओलंपिक कोटा

गगन नारंग को मिला ओलंपिक कोटा

भारतीय निशानेबाज गगन नारंग ने अमेरिका के फोर्ट बेनिंग में चल रहे आईएसएसएफ विश्व कप में 50 मीटर राइफल प्रोन स्पर्धा में कांस्य पदक जीत 2016 में होने वाले रियो ओलंपिक खेलों के लिए कोटा हासिल किया।
समीक्षा - पीकू

समीक्षा - पीकू

शुजीत सरकार की नई फिल्म पीकू वैसे तो पारिवारिक कहानी है, पर आजकल पूरी तरह पारिवारिक कहानियों का दौर और परिभाषा दोनों बदल गई है। शायद अभी भी कुछ दर्शक यह न पचा पाएं कि एक पिता किसी तीसरे व्यक्ति के सामने बेटी के लिए कहे, ‘शी इज नॉट वर्जिन।’ फिर भी यह ऐसी फिल्म है जो पारिवारिक मुद्दों और बूढ़ों की समस्याओं पर हल्के-फुल्के ढंग से रोशनी डालती है। अच्छा लगता है जब नकारा श्रेणी में आ गई नई पीढ़ी की लड़की पिता की खातिर शादी नहीं कर रही और कहती है, ‘एक वक्त के बाद माता-पिता को बच्चे ही जिंदा रखते हैं।’