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पीएम मोदी ने छात्रों को दिया सफलता का मंत्र, बोले- 'परीक्षा पे चर्चा' मेरी भी परीक्षा, देश के कोटि-कोटि विद्यार्थी मेरी परीक्षा ले रहे हैं

पीएम मोदी ने छात्रों को दिया सफलता का मंत्र, बोले- 'परीक्षा पे चर्चा' मेरी भी परीक्षा, देश के कोटि-कोटि विद्यार्थी मेरी परीक्षा ले रहे हैं

प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में 'परीक्षा पर चर्चा' 2023 के छठे संस्करण के दौरान छात्रों, शिक्षकों और...
दिल्ली: तालकटोरा स्टेडियम पहुंचे पीएम मोदी, बच्चों द्वारा तैयार प्रदर्शनी का किया निरीक्षण

दिल्ली: तालकटोरा स्टेडियम पहुंचे पीएम मोदी, बच्चों द्वारा तैयार प्रदर्शनी का किया निरीक्षण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खास कार्यक्रम 'परीक्षा पे चर्चा' 2023 के तहत आज दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम...
परीक्षा पे चर्चा: छात्रों से बोले पीएम मोदी, ऑनलाइन या ऑफलाइन पढ़ाई नहीं, मन का भटकना है समस्या

परीक्षा पे चर्चा: छात्रों से बोले पीएम मोदी, ऑनलाइन या ऑफलाइन पढ़ाई नहीं, मन का भटकना है समस्या

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के आज 5वें संस्करण में विद्यार्थियों को...
'परीक्षा पे चर्चा 2.0' में बोले पीएम मोदी, मां-बाप बच्चों की तुलना न कर उन्हें प्रोत्साहित करें

'परीक्षा पे चर्चा 2.0' में बोले पीएम मोदी, मां-बाप बच्चों की तुलना न कर उन्हें प्रोत्साहित करें

हर साल की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षा से पहले छात्रों को तनाव मुक्त करने के लिए...
चर्चा: छोटे पर्दे पर धार बिना तलवारबाजी। आलोक मेहता

चर्चा: छोटे पर्दे पर धार बिना तलवारबाजी। आलोक मेहता

मीडिया के कुछ लोगों को तो पूर्वाग्रही कहा जा सकता है और प्रतियोगी भाव कि प्रधानमंत्री ने अर्णब गोस्वामी को ही पहले इंटरव्यू के लिए क्यों चुना? हम जैसे पत्रकार मानते हैं कि यह अर्णब गोस्वामी की बड़ी सफलता है, जो प्रधानमंत्री को अपने चैनेल को इंटरव्यू के लिए तैयार कर सके। इसी तरह नरेंद्र मोदी ने भी पुराने ढर्रे को त्यागकर दूरदर्शन अथवा लोक सभा, राज्य सभा टी.वी. चैनलों के बजाय एक निजी चैनल को इंटरव्यू देने का फैसला कर नया अध्याय जोड़ा। यूं उनकी सरकार दावा यही करती है कि प्रसार भारती के दूरदर्शन चैनल की पहुंच दूरदराज के गांवों सहित देश के हर कोने में है, जहां निजी अंग्रेजी चैनल तो क्या हिंदी चैनल की पहुंच भी नहीं है।
चर्चा : जनमत संग्रह के भूत का मोह। आलोक मेहता

चर्चा : जनमत संग्रह के भूत का मोह। आलोक मेहता

ब्रिटेन पर कब कितना असर होगा, कोई नहीं बता सकता। लेकिन जनमत संग्रह के हिंदुस्तानी प्रवर्तक अरविंद केजरीवाल ‘भूत-चुड़ैल-आत्मा’ को जगाने-बुलाने के तमाशे में माहिर हैं। वह पिछले दो वर्षों के दौरान ‘जनमत संग्रह’ शैली में डेढ़ करोड़ की आबादी में से डेढ़ लाख के नाम पर बटन दबवाकर अपना फरमान जारी करते रहे हैं।
चर्चा : कानून के पहरेदारों की आचार संहिता। आलोक मेहता

चर्चा : कानून के पहरेदारों की आचार संहिता। आलोक मेहता

राजनेता हों या अधिकारी, कारपोरेट किंग पूंजीपति या मजदूर – अदालत और अस्पताल पहंुचते ही कांपने लगते हैं। अपराध छोटा हो या बड़ा – कानून का शिकंजा खतरनाक साबित हो सकता है। इसी तरह हाथ या पैर की ऊंगली का नाखून ही निकला हो अथवा हृदय रोग – सर्जन के चमकते चाकू से निकलने वाला नतीजा जिंदगी दे या ले सकता है।
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