राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जनता दल यूनाइटेड सहित जनता परिवार के छह दलों के साथ विलय के लिए तैयार दिख रहे थे। लेकिन अब वह विलय नहीं बल्कि गठबंधन चाहते हैं। ताकि राजद का वजूद बना रहे।
दिल्ली के उप राज्यपाल की भूमिका और शक्तियों को स्पष्ट करने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के बाद मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने केंद्र सरकार का यह कदम भाजपा की घबराहट का द्योतक बताया है।
दिल्ली के अफसरों की लगाम किसके हाथ में रहेगी, इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल के बीच टकराव तेज होता जा रहा है। बुधवार को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग इंडस्ट्री पर निशाना साधा है। सिसौदिया का कहना है कि ईमानदार अफसरों की नियुक्ति से ट्रांसफर इंडस्ट्री चलाने वाले लोगों को दर्द हो रहा है। इस मसले में उन्होंने रिटायर्ड आईएएस अफसरों को भी आड़े हाथों लिया है।
विश्व बैंक बिहार में प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों को अधिक योग्य, जवाबदेह एवं जिम्मेदार बनाने के लिए एक कार्यक्रम चलाएगा। इसके तहत राज्य सरकार को 25 करोड़ डॉलर का ऋण देने का प्रस्ताव है।
जनता परिवार के विलय को लेकर मुश्किलें बढ़ती जा रही है। जनता परिवार के घटक दलों की बैठक से एक दिन पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने जनता दल यूनाइटेड के लिए यह कहकर असहज स्थिति पैदा कर दी कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को भाजपा के खिलाफ व्यापक एकता का हिस्सा होना चाहिए।
विधानसभा चुनाव से पहले ही बिहार भाजपा में असंतोष के स्वर उठने लगे हैं। प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के नाम एक पत्र जारी कर सफाई मांगी गई है। इस पत्र की प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजी गई है। लेकिन पत्र पर किसी कार्यकर्ता के हस्ताक्षर नहीं है लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि भाजपा के सभी बड़े नेताओं को पत्र भेजा गया है।