दो अक्टूबर आने वाला है और एक बार फिर स्वच्छता अभियान जोर पकड़ रहा है। अलग-अलग क्षेत्रों की हस्तियां सफाई के महत्व को समझाने के लिए फिर मैदान में हैं। जनता के बीच स्वच्छता की महत्ता समझाने के लिए काम कर रही अभिनेत्री काजोल का कहना है कि समाज में स्वच्छता के मानकों को बनाए रखने का संदेश देने के लिए सरकार का समर्थन जरूरी है।
भाजपा सफाई कर्मचारियों के लिए फिर दांव चलने की तैयारी में। जबकि सैंकड़ों सफाई कर्मचारी सीवर-सेप्टिक टैंक में मर रहे हैं और केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर पूरी तरह खामोश हैं।
मनोज की कविताओं में समाज के विविध रंग दिखाई पड़ते हैं। परिवार के प्रति चिंता या अपनों की देखरेख की चिंता भी मनोज शब्दों में ऐसे बांधते हैं कि हर किसी को वह दुख साझा लगता है। सन 2008 के प्रतिष्ठित भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार के बाद भारतीय भाषा परिषद से तथापि जीवन नाम से काव्य संग्रह। कविताएं लिखने के अलावा अनुवाद के काम में संलग्न रहते हैं।
आरडी बर्मन पर पंचम अनमिक्सड : मुझे चलते जाना है नाम से वृत्तचित्र के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त ब्रह्मानंद एस सिंह का मन संगीत में रमता है। अभी वह प्रसिद्ध गजल गायक जगजीत सिंह पर कागज की कश्ती नाम से फिल्म बना रहे हैं। बाल मजदूरों पर भी वह एक संवेदनशील फिल्म झलकी बना चुके हैं।
भारत भवन में 10 से 19 जुलाई 2015 तक उत्तर प्रदेश महोत्सव का आयोजन हो रहा है। इस महोत्सव में कला प्रदर्शनी, गायन, वादन, नृत्य, कविता पाठ, वक्तव्य, नाटक, फिल्म प्रदर्शन और व्यंजन मेला आदि कार्यक्रम होंगे।
राष्ट्रपति भवन में चाहे और बहुत कुछ हो मगर सफाई जरा कम है। हाल ही में जारी स्वच्छता अभियान रेटिंग में राष्ट्रपति भवन पिछड़ गया है। राष्ट्रपति भवन को हैदराबाद हाउस, विज्ञान भवन और जवाहरलाल नेहरू भवन ने पछाड़ा है।
क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर से भारत रत्न वापस लेने की याचिका मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वीकार कर ली है। याचिका में कहा गया है कि सचिन अपने इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान का इस्तेमाल व्यावसायिक उत्पादों के विज्ञापन के लिए करते हुए धन कमाते हैं।
भारत के संभवतः सबसे चर्चित और प्रतिष्ठित वास्तुकार (हालांकि मुझे स्थापति शब्द बेहतर नजर आता है) चार्ल्स कोरिया (1924-2015) का मुंबई में 16 जून को निधन हो गया। यह कला और स्थापत्य की दुनिया के लिए बुरी खबर है। उनका जन्म 1 सितंबर, 1930 के दिन सिकंदराबाद (आंध्र प्रदेश) में हुआ था। चार्ल्स कोरिया के निधन से कुछ ही दिन पहले चंडीगढ़ के प्रसिद्ध रॉक गार्डन’ के रचनाकार नेकचंद (1924-2015) के न रहने की बुरी खबर मिली थी।