बाबरी विध्वंस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत 13 नेताओं पर फिर से आपराधिक साजिश का मामला चल सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने ये संकेत देते हुए कहा है कि महज तकनीकी आधार पर इन्हें इस मामले में राहत नहीं दी जा सकती।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष विवादों में है। घोष ने नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन की आलोचना की है। इससे राज्य की राजनीति में एकाएक गरमाहट पैदा हो गई है। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि घोष ने अमर्त्य सेन के बारे में जो नकारात्मक बातें कही है वह शर्मनाक है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठन लघु उद्योग भारती ने भी माना है कि नोटबंदी के बाद समूचे देश में छोटे व्यापारी की हालात खराब है। उनके हाथ से कारोबार जा रहा है। वेतन न दे पाने की स्थिति में कर्मचारी नौकरी छोड़कर भाग रहे हैं। सरकार चाहती है कि छोटे कारोबारी रातोंरात कैशलेस पद्धति को फॉलो करें, यह उनके लिए मुश्किल है। नोटबंदी के चलते लघु उद्योगों का उत्पादन 40 से 50 फीसदी कम हो गया है।
कहानी फिल्म विद्या बालन के करिअर की अभी तक की फिल्मों में उम्दा फिल्म है। अब उसी सफलता को लेकर कहानी 2 आई है। कहानी 2 का कहानी फिल्म से कोई कनेक्शन नहीं है। कहानी भी सस्पेंस फिल्म थी और कहानी 2 भी शानदार थ्रिलर है। कहानी की तरह ही कहानी 2 पर भी निर्देशक सुजॉय घोष ने पकड़ ढीली नहीं पड़ने दी है।
यूपीए सरकार में नियुक्त किए गए प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने खुद रविवार को फेसबुक पर यह जानकारी दी। सरकार ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, भारतीय प्रशासनिक सेवा के 41.5 रोचक साल की नौकरी छोड़ने का वक्त आ गया है। सरकार ने भी मेरा इस्तीफा मंजूर कर लिया है। काम बहुत हुआ। अब न सरकारी काम न कोई निजी। अंततः मैं स्वतंत्र हूं और अब सिर्फ किताबें।
प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार का कार्यकाल अगले साल फरवरी में पूरा होगा लेकिन उन्होंने आज कहा कि वह इस्तीफा देने के बारे में दृढ़तापूर्वक विचार कर रहे हैं।
दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 2009 में आईटी कर्मी जिगिशा घोष के साथ लूटपाट करने और उसकी हत्या करने के मामले में दो दोषियों को मौत की सजा सुनाई है। अदालत ने इसे निर्मम हतया करार देते हुए मामले के एक अन्य दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई।
सुजय घोष की फिल्म ‘कहानी’ ने हिंदी थ्रिलर को नया रूप दिया था। कहानी बहुत ‘पेस’ के साथ चलती है। तीन के निर्माता के तौर पर सुजाय रिभू दासगुप्ता को बताना भूल गए होंगे कि वह उनकी छाया से बाहर जाकर भी फिल्म बना सकते हैं।