ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख भारतीय कंपनी अडाणी समूह आस्ट्रेलिया में 21.7 अरब डॉलर की लागत वाली कारमाइकल खान परियोजना पर अगले साल के मध्य तक निर्माण कार्य शुरू करेगा।
देश के कई हिस्सों में नोटबंदी की आड़ में खाने-पीने की आवश्यक वस्तुओं को लेकर अफवाह का बाजार गर्म कर नाजायज फायदा उठाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। शुक्रवार की शाम को राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में नमक को लेकर अफवाह फैली जिसके बाद दुकानों से 300 से 400 रुपये प्रति किलो तक नमक बेचे गए।
गुड्स ऐंड सविर्सेज टैक्स (जीएसटी) को आजादी के बाद से कर क्षेत्र का सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है। जीएसटी से सरकार को अहम फायदे होंगे। इससे मेक इन इंडिया प्रोग्राम को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही कई वस्तुओं पर उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। मौजूदा कर ढांचे और लाल फीताशाही के कारण होने वाली देरी से कारोबार को पांच-10 फीसद नुकसान पहुंचता है, जिसकी भरपाई कारोबारी उपभोक्ताओं की जेब से करते हैं।
नर्मदा बचाओ आंदोलन की मुख्य कर्ता पर्यावरणविद मेधा पाटकर ने कहा है कि गुजरात में अदानी व अंबानी की कंपनियों को पानी देने के लिए सरदार सरोवर बांध का जलस्तर बढ़ाया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकारों को इस बात की चिंता नहीं है कि इससे कितने गांव और परिवार डूबने वाले हैं। नर्मदा नदी के दोहन पर भी उन्होंने एक बड़ा बयान दिया है। मेधा ने कहा हैै कि कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए नर्मदा नदी को वेश्या बना दिया गया है।
देश के प्रमुख कारोबारी अरबपति गौतम अडानी ने कांग्रेस को दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कभी भी मुफ्त में विमान की सेवा नहीं दी। अडानी ने कहा कि क्या कांग्रेस कमर्शियल बेसिस पर जीएमआर के विमान का इस्तेमाल नहीं करती है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वालेे उद्योगपति गौतम अडानी ने साफ कहा है कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश अडानी ग्रुप का हवाला देकर छत्तीसगढ़ मेंं जिस माइनिंग प्रोजेक्ट की बात कर रहे हैं उसकी मंजूरी खुद उन्होंने दी थी। शासन में पर्यावरण मंत्री के रूप में पद छोड़ने से पहले यह उनका आखिरी एग्जिक्यूटिव ऑर्डर था।
अडाणी की 21.7 अरब डालर की कोयला खान परियोजना के लिए पब्लिक फंडिंग नहीं होगी। यह बात आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कॉम टर्नबुल ने कही। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त करना चाहा कि वह खुद भी उनकी तरह ही जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से लेते हैं। इन प्रदर्शनकारियों ने मछली जैसे दिखने वाले कपड़े पहने हुए थे।
सीधे-सीधे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर पर हमला बोलने के पीछे के कारणों पर कयास जारी, क्या इसकी वजह राजन के कठोर कदम हैं, जिससे नाराज हैं बड़े कॉरपोरेट
केंद्र सरकार के नीतिगत सुधारों के विरोध और बेहतर सेवानिवृत्ति लाभ की मांग को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 17,000 से अधिक कर्मचरियों ने आज एक दिन का समूहिक अवकाश लिया।