अभिनेता आमिर खान अब अतुल्य भारत के ब्रांड एंबेसडर नहीं होंगे। पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने बताया है कि अतुल्य भारत अभियान के लिए आमिर खान का अनुबंध समाप्त गया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जगदीश टाइटलर के साथ एक सिख युवक द्वारा कथित दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि उक्त युवक ने टाइटलर के साथ गाली-गलौज और धक्का-मुक्की की।
आज भी लाखों-करोड़ों लोग गुलामी की जंजीरों में जकड़े हुए हैं, इस बात को स्वीकार करते हुए और लोगों में इसके खिलाफ जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से इंग्लैंड 18 अक्टूबर के दिन को दासता विरोधी दिवस के तौर पर मनाता है। इस साल इसमें मुख्य एजेंडा आधुनिक दासता और मानव तस्करी को खत्म करना था। वाक फ्री की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में विश्व के सबसे ज्यादा बधुआ मजदूर हैं और भारत के ईंट भट्टे में बंधुआ मजदूरी करवाई जाती है। भारत को भी अपने तमाम पारंपरिक और आधुनिक गुलामी के तरीकों के विरुद्ध एक दिन समर्पित करना चाहिए।
सह शिक्षा के इस्लामिक सिद्धांतों के अनुकूल ना होने की बात कहते हुए पाकिस्तान के एक धार्मिक संगठन ने सरकार से जल्द से जल्द पुरुषों एवं महिलाओं के लिए अलग-अलग शिक्षा तंत्र स्थापित करने को कहा है।
नामी भारतीय अभिनेता अनुपम खेर को लैंगिक समानता पर संयुक्त राष्ट्र के अभियान के लिए दूत बनाया गया है। महिलाओं और लड़कियों के विरूद्ध असमानता के खिलाफ खड़े होने के लिए पुरूषों और लड़कों से आगे आने का आह्वान करने के लिए अनुपम खेर ने विश्व निकाय से तालमेल किया है।
बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए टमटम का उपयोग करने वाले राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव लिए मुसीबत बन सकता है। पशुओं के साथ नैतिक व्यवहार के पक्षधर संगठन पेटा (पीपुल फॉर द इथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनीमल) ने टमटम से प्रचार के विरोध में चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है।
कुछ ही महीनों में होने वोले बिहार विधानसभा के चुनावों की तैयारी में लगे नीतीश कुमार को पटना हाइकोर्ट ने झटका दे दिया है। पिछले 9 जून को शुरू हुआ बढ़ चला बिहार अभियान राज्य के आगामी चुनाव से पहले नीतीश कुमार की जनता तक पहुंच बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
'बहुत हुआ जुमलों का वार, फिर एक बार नीतीश कुमार’, 'आगे बढ़ता रहे बिहार, फिर एक बार नीतीश कुमार’ कुछ ऐसे ही नारे लिखे पोस्टरों से बिहार की राजधानी पटना अटा पड़ा है। पटना की सडक़ों पर बड़े-बड़े होर्डिंग देखकर ऐसा लगता है मानों राज्य में और किसी सियासी दल का कोई वजूद नहीं है। राजनीतिक दलों के पार्टी कार्यालयों को छोड़ दें तो चौराहों या सार्वजनिक स्थलों पर दूसरे दलों के होर्डिंग न के बराबर दिखेंगे। यहां तक कि सडक़ों पर चल रहे ऑटो रिक्शा पर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुस्कुराती तस्वीरों वाले पोस्टर चिपके मिलेंगे।