छात्र राजनीति का इतिहास बहुत पुराना है। राष्ट्र के नव-निर्माण से लेकर आज तक यह जारी है। हाल में भारत के विश्वविद्यालयों से एक आंधी उठी है जो हो सकता है देश की राजनीति के लिए बवंडर साबित हो
रेल मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के लिए दूसरी बार पेश रेल बजट को पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने यह कहकर खारिज कर दिया कि रेल बजट में नजरिया पेश करने का बयान होता है लेकिन इसमें तो रेल मंत्री मतिभ्रम वाला बयान दिया है। पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने कहा कि भाजपा ने बहुत हल्का बजट पेश करते हुए पूरी रेल व्यवस्था को ही पटरी से उतार दिया, इसमें कुछ नयापन नहीं था।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आखिरकार सरकार की बात माननी पड़ी। देश के इतिहास में पहली बार केंद्रीय विश्वविद्यालय के किसी कुलपति को राष्ट्रपति ने बर्खास्त किया है। यह मामला केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद विश्व भारती के कुलपति सुशांत दत्तागुप्ता को हटाने से जुड़ा है।
सबसे ज्यादा प्रतीक्षित कार्यक्रम का अवॉर्ड यदि पुस्तक मेले के नाम किया जाए तो भी गलत नहीं होगा। किसी भी पर्व-त्योहार से ज्यादा इस मेले को लेकर उल्लास रहता है। हर साल दिल्ली के प्रगति मैदान में लाखों की संख्या में पुस्तक प्रेमी जुटते हैं।
“भारतीय और विश्व सिनेमा ऐसा समुद्र है जिसमें जितने गोते लगाए जाएं, डूबते ही जाते हैं। हर साल पूरे विश्व में हजारों की संख्या में फिल्में बनती हैं, कुछ हिट होती है कुछ फ्लॉप और कुछ समय पर अंकित हो जाती है। कोई फिल्म फ्लॉप है इसका मतलब यह नहीं कि उसमें कुछ नहीं था। कभी-कभी फिल्में नहीं चलतीं और दर्शकों के दिल पर छाप छोड़ जाती हैं। कुछ खास फिल्मों की सूची आउटलुक के लिए लेखक और आलोचक अनुपमा चोपड़ा, लेखक और फिल्म इतिहासकार जय अर्जुन सिंह, फिल्मकार और आलोचक श्रीनिवास भाष्यम और फिल्म निर्देशक श्रीराम राघवन ने बनाई है। इन फिल्मों को जरूर देखिए। यह फिल्म सूची की पहली किस्त है। जानिए दूसरी किस्त में कुछ और खास फिल्में”
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के मलवाणा गांव में 26 जनवरी 1962 को किसान परिवार में जन्म। लेखन के साथ—साथ जन संगठनों में भागीदारी। हंस, वसुधा, समकालीन भारतीय साहित्य, वागर्थ, पाखी, बया, कथाक्रम, आधारशिला, विपाशा और अमर उजाला आदि में कहानियां प्रकाशित। कुछ कहानियों और कविताओं का अंग्रेजी, कन्नड़, मराठी और मलयालम में अनुवाद। आकाशवाणी और दूरदर्शन से रचनाओं का प्रसारण। दो कहानी संग्रह बाणमूठ और पहाड़ पर धूप नाम से कहानी संग्रह प्रकाशित। हंस में प्रकाशित कहानी बाणमूठ पर वर्ष 2009 का प्रतिष्ठित रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार। बाणमूठ कहानी संग्रह पर 2012 का अखिल भारतीय सेतु साहित्य पुरस्कार। हिमाचली लोकनाट्य बांठड़ा पर पुस्तक प्रकाशित। कहानी बाणमूठ और मुट्ठी भर धूल पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा देश के विभिन्न शहरों में नाटकों का मंचन। मेघदूतम नाट्य अकादमी मुंबई की ओर से कहानी शापित गांव की प्रेम कथा का बिहार के सुपौल जिले में नाट्य मंचन।
अनिता रश्मि के लेखन में झारखंड की गंध और गहरी संवेदनशीलता है। ‘लाल छप्पा साड़ी’ से लेकर ‘बांसुरी की चीख’ तक उनके कथा लेखन में एक विकास यात्रा दिखती है। जाने-माने लेखक सी भास्कर राव अनिता रश्मि की लेखन यात्रा को इसी तरह देखते हैं।