प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंबेडकर जयंती के मौके पर डिजिटल लेनदेन को सुगम बनाने के लिए भीम-आधार डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म की शुरुआत की है। यह पेमेंट सिस्टम खासतौर पर उन लोगों के लिए है, जिनके पास डेबिट कार्ड, ई-वॉलेट और मोबाइल फोन नहीं है। इसे सफल बनाने के लिए एक रेफरल योजना भी शुरू की गई है। इसके तहत हर नए व्यक्ति को भीम एप से जोड़ने पर 10 रुपये का ईनाम दिया जाएगा।
देश के एक करोड़ लोगों के बैंक खातों की जानकारी सस्ते में उपलब्ध है। आपके बैंक खाते की जानकारी केवल दस या बीस पैसे में ही बेची जा रही है। यह जानकारी दिल्ली के ग्रेटर कैलाश की 80 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला के मामले की जांच के दौरान पुलिस को मिली। महिला के क्रेडिट कार्ड से 1.46 लाख रुपए उड़ा लिए गए थे।
वित्त अधिनियम-2017 के तहत एक जुलाई से देश में आय कर रिटर्न भरने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य हो जाएगा। इसके अलावा पैन कार्ड बनवाने के लिए भी एक जुलाई से आधार अनिवार्य हो जाएगा।
फर्जी लाइसेंस बनाने पर रोक लगाने के लिए अब आधार को अनिवार्य किया जा सकता है। केंद्र सरकार इस तरह का प्रस्ताव राज्य सरकारों को भेजने वाली है। इससे एक ही नाम पर अलग-अलग राज्यों में लाइसेंस बनाने पर रोक लगेगी। नए लाइसेंस और पुराने लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए जल्द ही यह नियम लागू होगा।
कांग्रेस ने जीडीपी आंकड़ों को हैरानी भरा और बेहद संदेहास्पद बताया है जो कि भारत की वैश्विक साख को खत्म कर सकता है और साथ ही प्रधानमंत्री तथा वित्त मंत्री पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार मध्यप्रदेश में दुष्कर्म, हत्या जैसे संगीन अपराधों का ग्राफ बढ़ रहा है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार मध्यप्रदेश को शांत राज्य मानती है। शांत राज्यों का मतलब है कि वो राज्य जहां लॉ एंड ऑर्डर नियंत्रण में हो। मध्यप्रदेश में नक्सली और सिमी की गतिविधियां पिछले साल की तुलना में बढ़ी हैं, फिर भी यह शांत राज्य का तमगा लिए हुए है।
बंगाल के लोग सभ्य और समझदार माने जाते हैं। बंगाल जहां के राजा राम मोहन राय ने विधवा विवाह की शुरुआत की थी। बंगाल ने समाज में सती प्रथा को समाप्त करने के लिए अग्रणी भूमिका निभायी थी। आज उसी बंगाल में महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। एक समय दहेज प्रथा व महिला के सम्मान के लिए विश्व में आवाज उठाने वाला बंगाल आज खुद दहेज प्रथा की चपेट में है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी ) की रिपोर्ट का दावा है।
मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने ही आंकड़ों से अपने लिए बवाल खड़ा कर दिया। मामला पोषाहार बजट का है। सरकार ने बजट ज्यादा दिखाने के लिए आंकड़ों में एक करोड़ से भी ज्यादा बच्चों को पोषाहार बांटने का दावा किया है। लेकिन यह आंकड़ा खुद सरकार के लिए ही मुसीबत खड़ी करने वाला है।