आलोचक वैभव सिंह को 20 वां देवी शंकर अवस्थी सम्मान उनकी पुस्तक, भारतीय उपन्यास और आधुनिकता के लिए दिया गया। आलोचना की यह पुस्तक आधार प्रकाशन से प्रकाशित हुई है।
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ घूस लेने के आरोपों की जांच संसद की एथिक्स कमेटी करेगी। तृणमूल कांग्रेस के छह सांसद और कुछ नेता जांच के दायरे में होंगे। शून्य काल के दौरान राज्यसभा में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। तृणमूल कांग्रेस और माकपा के सांसद के बीच तीखी बहस हुई।
देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. एम. लोढ़ा खुद मानते हैं कि स्कूल के बाद क्रिकेट में उनकी ज्यादा रुचि नहीं रही। बतौर न्यायाधीश उन्होंने सिर्फ दो मैच खेले और एक मैच में क्षेत्ररक्षण के दौरान अपना अंगूठा तुड़वा बैठे। लेकिन भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष के तौर पर क्रिकेट में अपनी नई पारी से वह उत्साहित हैं और इसमें कई महत्वपूर्ण सुधार की सिफारिश की है। लोढ़ा समिति की कुछ सिफारिशों से सत्ता पर काबिज कुछ लोगों के अहं को भी ठेस लगी है। उषिनोर मजुमदार को दिए एक इंटरव्यू में न्यायमूर्ति लोढ़ा ने खुलकर बताया कि क्यों क्रिकेट की जागीर प्रथा खत्म होनी चाहिए और सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता मिलनी चाहिए। पेश है बातचीत के मुख्य अंश:
उच्चतम न्यायालय से नियुक्त लोढ़ा समिति ने सोमवार को विवादों से घिरे बीसीसीआई के लिए आमूलचूल बदलावों की सिफारिश की जिनमें मंत्रियों को पद हासिल करने से रोकना, पदाधिकारियों के लिये उम्र और कार्यकाल की समयसीमा का निर्धारण और सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देना भी शामिल है।
नई रक्षा खरीद नीति-2015 (डीपीपी-2015) की घोषणा इस साल में होने की उम्मीद लगभग खत्म हो गई है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के अनुसार जनवरी 2016 तक नई प्रक्रिया की समीक्षा होने के बाद इसकी घोषणा होगी।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने देश में मुसलमानों की पहचान और सुरक्षा की समस्याओं के हल के लिए रणनीतियां बनाने की वकालत करते हुए सरकार से इस दिशा में सकारात्मक कार्रवाई करने तथा सबके विकास के लिए नीति बनाने की मांग की थी। अपने भाषण में उपराष्ट्रपति ने नरेंद्र मोदी के नारे सबका साथ सबका विकास की तारीफ की पर इसमें मुसलमानों को भी वाजिब हक के साथ शामिल करने पर जोर दिया था।
रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने नीतिगत दर में कटौती का संकेत देते हुए कहा है कि केंद्रीय बैंक अभी भी समायोजन के दौर में है और मुद्रास्फीति तथा वृहद आर्थिक आंकड़ों के आधार पर आगे निर्णय करेगा।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) को एक बड़ी राहत मिल गई है। सरकार द्वारा नियुक्त एक समिति ने एफआईआई पर पिछली तारीख से विवादास्पद न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) लगाने का कोई मामला नहीं बनता है। बताया जाता है कि सरकार इस सुझाव पर सकारात्मक रख के साथ विचार कर रही है।