पिछले साल रोहतक के बहुअकबरपुर में एक नेपाली युवती से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में स्थानीय अदालत ने सात दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। युवती का शव 4 फरवरी को बहुअकबरपुर के पास खेतों में क्षत-विक्षत अवस्था में मिला था और उसके साथ नौ लोगों द्वारा बलात्कार की पुष्टि हुई थी। इन दोषियों में से एक ने आत्महत्या कर ली थी जबकि एक आरोपी नाबालिग है।
उत्तरी अर्जेंटीना में एक बस के पुल से गिर जाने से कम से कम 43 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और कई अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिसकर्मियों से भरी यह बस रास्ते में पड़ने वाली एक सूखी नदी पर स्थित पुल से नीचे नदी में जा गिरी। दुर्घटना के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। हालांकि अनुमान लगाया जा रहा है कि शायद बस का टायर फट जाने की वजह से यह हादसा पेश आया।
बाबा रामदेव के पतंजलि आटा नूडल्स में कीडे मिलने और पतंजलि देसी घी में फंफूदी लगी होने की खबरों का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड सरकार ने इन दोनों उत्पादों की गुणवत्ता परखने के लिये उनकी जांच के आदेश दिए हैं।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने उत्तराखंड में गंगा नदी के किनारे कौडियाला से ऋषिकेश तक के समूचे क्षेत्र में कैंपिंग गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी है। हालांकि फिलहाल एनजीटी ने क्षेत्र में एडवेंचर स्पोर्ट्स राफ्टिंग पर रोक नहीं लगाई है। एक दूसरे निर्णय में एनजीटी ने गोमुख से लेकर हरिद्वार तक गंगा और उसके आसपास किसी भी प्रकार के प्लास्टिक के इस्तेमाल पर एक फरवरी से पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी है।
18 सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान को लेकर विवाद गंभीर मोड़ पर पहुंचता जा रहा है। इस विवाद में बुधवार को नया मोड़ तब आया जब मशहूर अभिनेता और नाटककार गिरीश कर्नाड को जान से मारने की धमकी दी गई।
व्यापमं महाघोटाले से जुड़े लोगों की लगातार हो रही मौतों पर विराम लग गया था, पर इससे जुड़े पूर्व पर्यवेक्षक मध्यप्रदेश कैडर के रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी 65 वर्षीय विजय बहादुर सिंह की उड़ीसा में मौत हो गई है। वे 2010 से 13 व्यापमं के पर्यवेक्षक रह चुके थे और हादसे के वक्त उड़ीसा से भोपाल लौट रहे थे। उनकी पत्नी के अनुसार उड़ीसा के झारसुगुड़ा स्टेशन के पास वे बाथरूम जाने के लिए उठे थे, उसके बाद वापस नहीं आए। सिंह का शुक्रवार को भोपाल में अंतिम संस्कार किया गया।
गृह मंत्रालय द्वारा विधि आयोग की मृत्युदंड खत्म करने की सिफारिश को यह कहते हुए खारिज किए जाने की संभावना है कि आतंकवाद के खतरे को देखते हुए संविधान से इसे पूरी तरह खत्म करने का अभी वक्त नहीं आया है।