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उरी हमला: पाकिस्तानी उच्चायुक्त को तलब कर भारत ने सौंपे सबूत

उरी हमला: पाकिस्तानी उच्चायुक्त को तलब कर भारत ने सौंपे सबूत

भारत ने बुधवार को पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर दो टूक कहा कि उसे जो सबूत मिले हैं उससे यह पता चलता है कि उरी हमले में पाक आधारित आतंकवादियों की संलिप्तता थी। भारत ने कड़े शब्दों में पाकिस्तान से कहा कि वह नई दिल्ली के खिलाफ आतंकवाद का समर्थन और प्रायोजन करने से बचे।
गुटनिरपेक्ष सम्मेलन में मोदी के नहीं शामिल होने पर सवाल उठाना गलत: अंसारी

गुटनिरपेक्ष सम्मेलन में मोदी के नहीं शामिल होने पर सवाल उठाना गलत: अंसारी

गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गैरमौजूदगी को तवज्जो नहीं देते हुए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि भारत की विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्रियों का सम्मेलन नहीं है और जो बात मायने रखती है, वह यह है कि भागीदारी की जाए।
गैर सरकारी संगठनों को मिलने वाला बेहिसाब चंदा गंभीर समस्या: सुप्रीम कोर्ट

गैर सरकारी संगठनों को मिलने वाला बेहिसाब चंदा गंभीर समस्या: सुप्रीम कोर्ट

विदेशी कोष नियमों का कथित उल्लंघन करने को लेकर गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर सरकार की कार्रवाई के बीच उच्चतम न्यायालय ने देश भर में कुकुरमुत्ते की तरह उग आए ऐसे करीब 30 लाख संस्थाओं को गंभीरता से लिया है। इनमें से कई एनजीओ बरसों से आयकर रिटर्न नहीं दाखिल कर रहे हैं।
भारत ने पाकिस्तान को पत्र लिख मुंबई हमले की सुनवाई तेज करने को कहा

भारत ने पाकिस्तान को पत्र लिख मुंबई हमले की सुनवाई तेज करने को कहा

भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर ने साल 2008 के मुंबई हमले के मामले की सुनवाई को तेज करने के रास्ते सुझाते हुए अपने पाकिस्तानी समकक्ष को पत्र लिखा है। हालांकि भारत की ओर से भेजे गए इस पत्र का पाकिस्तान की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है।
अमेरिका: पूर्व विदेश मंत्री कोलिन पॉवेल ने ट्रंप को बताया राष्ट्रीय शर्म

अमेरिका: पूर्व विदेश मंत्री कोलिन पॉवेल ने ट्रंप को बताया राष्ट्रीय शर्म

अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री कॉलिन पॉवेल ने रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रीय शर्म और अंतरराष्ट्रीय तौर पर अस्पृश्य व्यक्ति बताते हुए कहा है कि वह खुद को तबाह करने की राह पर चल रहे हैं।
संविधान संशोधन हमारा आंतरिक मामला : नेपाली विदेश मंत्री

संविधान संशोधन हमारा आंतरिक मामला : नेपाली विदेश मंत्री

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की भारत यात्रा से पहले आज नेपाल ने साफ कर दिया है कि संविधान संशोधन का मुद्दा नेपाल का आंतरिक मामला है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों को पूर्व में उपजे नाकेबंदी जैसे मसलों पर आत्मचिंतन करना चाहिए।
मॉरीशस के मंत्री ने सुषमा से की मुलाकात, रक्षा क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएं

मॉरीशस के मंत्री ने सुषमा से की मुलाकात, रक्षा क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएं

भारत यात्रा पर आए मॉरीशस के वित्त मंत्री प्रविंद कुमार जगनाथ ने आज विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान दोनों देशों ने रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में व्यापक सहयोग की संभावनाएं तलाशीं।
अब जनता भी पद्म पुरस्कारों की कर सकेगी अनुशंसा

अब जनता भी पद्म पुरस्कारों की कर सकेगी अनुशंसा

केंद्र सरकार जनता को एक और अधिकार देने जा रही है। जनता को अब पद्म पुरस्कारों के लिए किसी भी हस्ती और लब्धप्रतिष्ठ के नाम की सिफारिश करने का अधिकार मिलने वाला है। संस्कृति मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पहली बार जनता को ये अधिकार मिल रहा है।
प्रचंड के भारत दौरे से नेपाल की चीन नीति में `यू-टर्न’ के आसार

प्रचंड के भारत दौरे से नेपाल की चीन नीति में `यू-टर्न’ के आसार

दूसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद पुष्प कुमार दहल प्रचंड 15 सितंबर से तीन दिन के आधिकारिक दौरे पर भारत आ रहे हैं। भारत और नेपाल के संबंधों को लेकर प्रचंड का एजेंडा कितना सकारात्मक होगा- यह सवाल राजनयिक और राजनीतिक गलियारों में शिद्दत से चक्कर काट रहा है। प्रचंड के पूर्ववर्ती के.पी. शर्मा ओली का चीन के प्रति झुकाव जगजाहिर रहा है। इस कारण नेपाल में भारत के प्रति दुर्भावना बढ़ी है। ऐसे में प्रचंड की प्राथमिक चुनौती भारत के साथ संबंधों की नीतियां दुरुस्त करना होगी।
'सरकार की आलोचना पर देशद्रोह या मानहानि का आरोप नहीं लगाया जा सकता'

'सरकार की आलोचना पर देशद्रोह या मानहानि का आरोप नहीं लगाया जा सकता'

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि सरकार की आलोचना करने पर किसी पर देशद्रोह या मानहानि के मामले नहीं लगाए जा सकते। जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने कहा, 'यदि कोई सरकार की आलोचना करने के लिए बयान दे रहा है तो वह देशद्रोह या मानहानि के कानून के तहत अपराध नहीं लाया जा सकता। हमने स्पष्ट किया है कि आईपीसी की धारा 124 (ए) को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पहले के एक फैसले के अनुसार कुछ दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।'
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