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Search Result : "Two officials of Nepal Embassy"

बाबूराम भट्टराई का इस्तीफा, नेपाल में संकट बढ़ा

बाबूराम भट्टराई का इस्तीफा, नेपाल में संकट बढ़ा

पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई के इस्तीफे से माओवादी पार्टी में दो-फाड़ की आशंका तेज, भारत का सीमा पर दबाव बढ़ा, आपूर्ति रोकने से जरूरी चीजों का संकट
नेपाल को लेकर पाकिस्तान में टि्वटर अभियान

नेपाल को लेकर पाकिस्तान में टि्वटर अभियान

संविधान निर्माण प्रक्रिया को लेकर नेपाल और भारत के ताजा तनाव पर पाकिस्तान में टि्वटर पर हैशटैग #PakStandsWithNepal टॉप ट्रैंड कर रहा है। कुछ दिन पहले नेपाल ने अपना धर्मनिरपेक्ष संविधान मंजूर किया है लेकिन उसमें मधेसियों को उचित प्रतिनिधित्व न मिलने की धारणा के कारण नेपाल की तराई में हिंसा जारी है। भारत ने इस संबंध में नेपाल से अपना एतराज जाहिर किया है और कहा है कि मधेसियों का प्रश्न सुलझाए बिना नेपाल को अपना संविधान हड़बड़ी में लागू नहीं करना चाहिए था। नेपाल के कुछ तबकों में यह चर्चा रही है कि नए संविधान के तहत नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग करने वाले लोगों के पीछे भारत के कुछ संगठनों का हाथ रहा है। टि्वटर पर हैशटैग #PakStandsWithNepal के तहत पाकिस्तान में नेपाल के प्रति समर्थन जताया जा रहा है। (नीचे चित्र में नेपाल सीमा में दाखिल होने का इंतजार करते हुए तेल के टैंकर।)
भूकंप ने बदल दी सियासत

भूकंप ने बदल दी सियासत

काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के बाद जब वहां के स्थानीय समाचार पत्रों पर नजर दौड़ाई तो पाया कि भूकंप की त्रासदी की चर्चा कम, संविधान की चर्चा ज्यादा है। हवाई अड्डे से बाहर निकलने के बाद बातचीत के क्रम में जब लोगों से जानना चाहा कि अब भूकंप के बाद क्या‍ स्थिति है तो लोग भूकंप की बजाय देश के संविधान पर बात ज्यादा कर रहे थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक अगर भूकंप नहीं आता तो शायद राजनीतिक दल संविधान को लेकर इतनी जल्दी सक्रिय नहीं होते।
टॉप स्कीम में शामिल होंगी ज्वाला-अश्विनी

टॉप स्कीम में शामिल होंगी ज्वाला-अश्विनी

खेल मंत्रालय बैडमिंटन की युगल जोड़ी ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा को लक्ष्य ओलंपिक पोडियम (टॉप) कार्यक्रम में शामिल करने के लिये तैयार है। हालांकि मंत्रालय ने राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद के प्रति अपना पूरा समर्थन जताया जिन पर इस महिला युगल जोड़ी ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया था। मंत्रालय के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि ज्वाला और अश्विनी को टॉप खिलाडि़यों की अगली सूची में शामिल कर लिया जाएगा।
क्या ओली हो जाएंगे नेपाल के प्रधानमंत्री

क्या ओली हो जाएंगे नेपाल के प्रधानमंत्री

नेपाल में अर्से से लंबित संविधान क्या इस माह के अंत तक लागू हो पाएगा इसको लेकर नेपाल के सियासी गलियारे में चर्चाएं तेज हैं। क्योंकि संविधान लागू होते ही नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के साथ हुए समझौते के मुताबिक सीपीएन-यूएमएल के नेतृत्व में नई सरकार का गठन होगा और इसके नेता केपी ओली नेपाल के नए प्रधानमंत्री बनेंगे।
हिंदू राष्ट्र नहीं धर्मनिरपेक्ष होगा नेपाल

हिंदू राष्ट्र नहीं धर्मनिरपेक्ष होगा नेपाल

नेपाल के राजनीतिक दल नए संविधान को अंगीकार करने के मुहाने पर पहुंच गए हैं। नेपाल की संविधान मसौदा समिति ने एक बड़ी सफलता के तहत लंबे समय से लंबित संविधान के प्रथम मसौदे को मंजूरी दे दी है। इस संविधान के लागू हो जाने पर नेपाल को एक धर्मनिरपेक्ष, समावेशी और विविध जातीय देश के रूप में पहली बार मान्यता मिलेगी।
बलात्कार पीड़िता की 'टू फिंगर जांच' से दिल्ली सरकार पीछे हटी

बलात्कार पीड़िता की 'टू फिंगर जांच' से दिल्ली सरकार पीछे हटी

दिल्ली में बलात्कार पीड़िता की ‘टू फिंगर जांच’ की अनुमति देने के एक दिन बाद ही आम आदमी पार्टी की सरकार ने चौतरफा विरोध के बाद इससे हाथ पीछे खींच लिए हैं।
शीला के करीबी रहे अधिकारियों पर गिरेगी एसीबी की गाज?

शीला के करीबी रहे अधिकारियों पर गिरेगी एसीबी की गाज?

दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक महत्वपूर्ण कदम के तहत वर्ष 2002 का 100 करोड़ रुपये का कथित सीएनजी फिटनेस घोटाला मामला फिर खोल दिया है जिसमें शीला दीक्षित सरकार के तहत काम कर चुके तीन शीर्ष अधिकारी आरोपों के घेरे में हैं।
नेपाल के पुनर्निर्माण का सवाल

नेपाल के पुनर्निर्माण का सवाल

25 अप्रैल को नेपाल में आए भूकंप से व्यापक तबाही हुई है। इससे नेपाल में महात्रासदी की स्थिति पैदा हो गई है। भूकंप के एक माह से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद लगातार कंपन जारी है। बारह अप्रैल को 7.3 रेक्टर की तीव्रता ने स्थिति को जटिल बनाने के साथ ही लोगों का सामान्य जीवन तबाह कर दिया है। भारी संख्या में लोग खुले आसमान के नीचे राते गुजारने के लिए बाध्य हैं। पीड़ितों के पास अब तक पर्याप्त राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई है। दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थिति और भी भयावह है। सरकारी मदद अब तक इन स्थानों तक नहीं पहुंची है। राज्य सरकारों की अनुपस्थिति ने शासकीय शून्यता को जन्म दिया है। वर्षों से वहां पर नौकरशाहों का राज है। स्थानीय स्तर पर निर्वाचित और उत्तरदायी शासन के अभाव ने राहत कार्यों में गंभीर स्थिति को जन्म दिया है।
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