नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गंगा की सफाई को लेकर गुरुवार को एक अहम फैसला सुनाया है। एनजीटी ने साफ कर दिया है कि गंगा के किनारे 100 मीटर तक किसी तरह का निर्माण कार्य नहीं होगा।
राजस्थान के भाजपा विधायक ने मोदी सरकार की जमकर आलोचना की है। विधायक ने कहा कि एक भी किसान ऐसा नहीं है जिस पर कर्ज न हो। किसान अपने दूध सड़क पर फेंक रहा है। बेरोजगारी बढ़ रही है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के खिलाफ तेलंगाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। हाल ही में दिग्विजय सिंह ने बयान दिया था कि तेलंगाना पुलिस भटके हुए मुस्लिम युवाओं को फर्जी आईएसआईएस की साइट के जाल में फंसा रही है। इस विवादित बयान को लेकर ही मामला कायम किया गया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आज तेलंगाना पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कि तेलंगाना पुलिस ने इस्लामिक स्टेट की फर्जी साइट बनाई है, जो मुस्लिम युवकों को कट्टरपंथी बना रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह वेबसाइट उन्हें आईएस मॉड्यूल बनने के लिए भी प्रोत्साहित कर रही है। तेलंगाना पुलिस ने कांग्रेस नेता के इन आरोपों का खंडन किया है।
प्रसिद्ध मॉडल और स्पोर्ट्स एंकर सोनिका सिंह चौहान की कार दुर्घटना में मौत हो गई। साथ में सवार बांग्ला अभिनेता विक्रम चटर्जी भी बुरी तरह से घायल हो गए हैं। दुर्घटना का कारण कार का बेकाबू होना बताया जा रहा है।
एक सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि भारत में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके निकलने वाले 95 प्रतिशत इंजीनियर साफ्टवेयर विकास कार्य करने लायक नहीं होते हैं। सर्वेक्षण देश के आईटी व डेटा विज्ञान परिदृश्य में प्रतिभाओं की भारी कमी की ओर संकेत करता है।
काफी समय से लंबित पड़ा राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक मानसून सत्र में संसद में पेश होगा और खेलमंत्री विजय गोयल ने चेताया है कि इसका पालन नहीं करने पर राष्ट्रीय खेल महासंघों को सरकार से कुछ नहीं मिलेगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाता है। ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ के मौके पर अगर हम विभिन्न देशों के विकास, रहन-सहन और सेहत पर कोई टिप्पणी करें तो उसमें हमें मलावी की रंजकहीनता पर जरुर कुछ जानने की जरुरत है। कैसे यह देश रंजकहीनता की त्रासदी झेल रहा है। विकास के ढेकेदार आधुनिकता के लाख दावे कर लें पर अभी भी इस जहां में कितने लोग ऐसे हैं जो एक सामान्य जीवन को पाने को तरस रहे हैं। पिछले कई सालों में देश-विदेश हर जगह कई ऐसी बीमारियों के बारे में सुनने को मिला, जिसका नाम हमने पहले कभी नहीं सुना था जैसे इबोला, चिकनगुनिया, बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू आदि। इन बीमारियों ने देश-विदेश हर जगह लोगों के बीच अपना पांव पसार लिया है। इन बीमारियों से ग्रसित लोगों की परेशानियों और मृत्यु दर के आंकड़ों को देखकर यह अनुमान लगाया गया कि ये रोग कितने घातक साबित हो रहे हैं। ऐसी बीमारियों से पीड़ित लोग इनके बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण या फिर गलत इलाज होने के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं। ऐसा कहा जाना गलत न होगा कि कुछ देशों की खुशहाली पूरे दुनिया की रौनक नहीं कही जा सकती। आज भी कहीं-कहीं मानव समाज में गरीबी, भूख, कुपोषण का घनघोर अंधेरा व्याप्त है। इसी बानगी में आप मलावी की रंजकहीनता को जानेंगे तो आपको निराशा होगी।