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मौजूदा दौर पर मारक कहानी - एक था राजा

मौजूदा दौर पर मारक कहानी - एक था राजा

व्यंग्य की दुनिया में जाना-पहचाना नाम, 4 व्यंग्य संग्रह, अवधी में दो कविता संग्रह। श्रीलाल शुक्ल संचयिता सहित 9 पुस्तकों का संपादन। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का अवधी कविता और व्यंग्य का पुरसकार। आलोचना के लिए स्पंदन सम्मान।
पठानकोट हमला: एनआईए प्रमुख के बयान पर छिड़ा विवाद

पठानकोट हमला: एनआईए प्रमुख के बयान पर छिड़ा विवाद

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रमुख शरद कुमार के एक बयान पर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद पैदा हो गया है। एनआईए प्रमुख ने कथित तौर बयान दिया था कि पठानकोट हमले के लिए जैश-ए-मोहम्मद की मदद में पाकिस्तान सरकार या इसकी किसी एजेंसी का कोई हाथ नहीं है।
ईरान से भारत के मजबूत होते संबंधों पर अमेरिका की गहरी निगाह

ईरान से भारत के मजबूत होते संबंधों पर अमेरिका की गहरी निगाह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा से भारत-ईरान के मजबूत होते रिश्तों पर अमेरिका बेहद करीब से नजर रख रहा है। चाबहार बंदरगाह के लिए 50 करोड़ डॉलर निवेश की भारत की घोषणा को लेकर ओबामा सरकार ने सांसदों से कहा है कि अमेरिका ईरान के साथ भारत के बढ़ते रिश्तों पर बहुत करीब से निगाह रख रहा है और देखेगा कि क्या इसके कानूनी पहलु और जरूरतें पूरी की गई हैं या नहीं।
प्रचार के भूखे सिद्धार्थ मल्होत्रा

प्रचार के भूखे सिद्धार्थ मल्होत्रा

कपूर एंड सन्स के अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा ने अपनी आने वाली फिल्म बार बार देखो की शूटिंग पूरी कर ली है। इस फिल्म में वह कैटरीना कैफ के साथ नजर आएंगे।
भारतीय खेल इतिहास पर किताब

भारतीय खेल इतिहास पर किताब

सिंगापुर विश्वविद्यालय के थिंक टैंक माने जाने वाले इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशिया स्टडीज के वरिष्ठ शोधार्थी रोनोनंजय सेन ने नेशन एट प्ले : ए हिस्ट्री ऑफ स्पोर्ट इन इंडिया नाम एक किताब लिखी है।
किसी दबाव में नहीं आउंगी : ममता

किसी दबाव में नहीं आउंगी : ममता

‘पोरिबोर्तोन’ (बदलाब) का जो नारा लेकर ममता बनर्जी मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंची थीं, वही नारा अब विपक्षी वाममोर्चा और कांग्रेस के लिए धारदार हथियार बनने लगा है। ऐसे में सवाल उठता है कि वे आगे क्या लाइन लेंगी? पेश है ममता बनर्जी से दीपक रस्तोगी की कुछ समय पूर्व हुई बातचीत के प्रमुख अंश:
समीक्षा – बॉलीवुड डायरीज

समीक्षा – बॉलीवुड डायरीज

सफलता की मिसालें होती हैं और असफलता की कहानियां। इन कहानियों से कभी जोश आता है तो कभी निराशा। के डी सत्यम ने अपने निर्देशन में बॉलीवुड डायरीज में ऐसी ही तीन कहानी नहीं तीन दीवानों को जगह दी है।
हम असहिष्णुता के लिए सहिष्णु हैं – प्रो. सेन

हम असहिष्णुता के लिए सहिष्णु हैं – प्रो. सेन

नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफ्रेसर अमर्त्य सेन ने अपने नाम ‘अमर्त्य’ से अपनी बात शुरू करते हुए बताया कि कैसे गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर ने उनका नाम रखा और अपने चाचा जोतिर्मय सेन के अंग्रेजों की गुलामी के प्रति संघर्ष जारी रखा ताकि देश आजाद हो सके। लेकिन क्या वाकई देश वैसा ‘आजाद’ हुआ है। यह बात उन्होंने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के राजेन्द्र माथुर स्मृति व्याख्यानमाला में कहे। उन्होंने इंडियन पीनल कोड से बात शुरू करते हुए अभिव्यक्ति की आजादी के संदर्भ में बहुत सी बाते रखीं।
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