उथल पुथल के इस दौर में लगता है राजनीति की तरह बाजार में भी महागठबंधन का युग आ गया है। जिस तरह करिश्माई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिकस्त देने के लिए बाकी पार्टिया आपसी दुश्मनी को तिलांजलि देकर गठबंधन करने को मजबूर हो रही हैं, उसी तरह भारतीय टेलीकॉम उद्योग बाजार में मुंकेश अंबानी के जियो के लगातार बढ़ते प्रभाव को टक्कर देने के लिए दो टेलीकॉम दिग्गजों वोडाफोन और आदित्य बिड़ला ग्रुप के आइडिया सेल्युलर ने महागठबंधन का सहारा लिया है। मजे की बात है अब तक जिनके खिलाफ गठबंधन को आजमाने की कोशिशें शुरु हुई हैं वे दोनों, मोदी और मुकेश अंबानी, गुजरात के हैं।
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में समान विचारधारा वाली सपा जैसी पार्टियों के साथ चुनाव से पहले गठबंधन किए जाने की संभावना से आज इनकार नहीं किया। वहीं, इसकी मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने युवा अखिलेश यादव के पक्ष में इस मुकाबले से हटने की पेशकश की है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने केंद्र सरकार के 500 और 1000 रूपये के पूराने नोटों पर रोक से जनता को हो रही कठिनाई को लेकर इसके खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करते हुए सड़कों पर उतरने की घोषणा की है।
बिहार की महागठबंधन सरकार के एक साल पूरा होने के एक दिन पूर्व भाजपा नीत राजग ने नीतीश सरकार की विफलताओं को लेकर एक रिपोर्ट कार्ड जारी किया और आरोप लगाया कि यह सरकार हर मोर्चे, विशेष रूप से कानून-व्यवस्था के मामले में विफल रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिमाग की उपज इंटरनेशनल सोलर अलायंस (इसा) की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही इसके प्रारूप समझौते पर ब्राजील और फ्रांस सहित दुनिया के 20 से अधिक देशों ने हस्ताक्षर कर दिया है।
उत्तर प्रदेश के अगले विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की ओर से महागठबंधन बनाने की कवायद के बीच छह वामपंथी दलों ने आज एक मंच से प्रदेश के मतदाताओं से विकल्प चुनने की साझा अपील की।
उत्तर प्रदेश के समाजवादी कुनबे में छिड़ी वर्चस्व की जंग के बीच सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) की अगुवाई में एक महागठबंधन बनने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है और आगामी पांच नवंबर को पार्टी के रजत जयन्ती कार्यक्रम में इस सिलसिले में कोई अहम एलान हो सकता है।
जम्मू कश्मीर सरकार को तब शर्मिंदगी झेलनी पड़ी, जब कक्षा दसवीं के प्रश्न पत्र में छात्रों से राज्य में पीडीपी के साथ गठबंधन करके सरकार बनाने वाली पार्टी का नाम पूछा गया लेकिन चार विकल्पों में से किसी भी विकल्प में भाजपा का नाम नहीं था।
चुनावों में भारी जीत के बाद नीतीश कुमार की अगुवाई में बनने वाली महागठबंधन की सरकार छठ के बाद शपथ ग्रहण करेगी। हालांकि शपथ ग्रहण की तारीख अभी तय नहीं हुई है लेकिन बताया जा रहा है कि आगामी 20 नवंबर को नीतीश कुमार अपने मंत्रीमंडल के साथ शपथ ले सकते हैं।