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भड़के कैलाश विजयवर्गीय ने शत्रुघ्न सिन्हा की तुलना कुत्ते से की

भड़के कैलाश विजयवर्गीय ने शत्रुघ्न सिन्हा की तुलना कुत्ते से की

बिहार विधानसभा में मिली करारी हार से भाजपा में खलबली सी मची हुई है। एक ओर पार्टी में हार को लेकर मंथन का दौर जारी है तो दूसरी ओर पार्टी के कई नेता एक दूसरे को हार का जिम्मेदार ठहराने की कोशिश में सारी हदें पार करते जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शत्रुघ्न सिन्हा पर निशाना साधते हुए उनकी तुलना एक कुत्ते से कर दी है।
लेखकों ने किया अपने ‘साहित्यिक घर’ का घेराव

लेखकों ने किया अपने ‘साहित्यिक घर’ का घेराव

आज साहित्य अकादमी का नजारा कुछ बदला-बदला सा है। ‘लेखकों का यह घर’ मीडिया कर्मियों के जमावड़े से गुलजार था। लेखक प्रदर्शनकारियों के बाने में थे। पहली बार हुआ कि अकादमी की इमारत में जाने के लिए पहचान पूछी जा रही थी।
साहित्य अकादमी चाहती है लेखकों की ‘घर वापसी’

साहित्य अकादमी चाहती है लेखकों की ‘घर वापसी’

लेखक एम एम कलबुर्गी की हत्या की कड़ी निंदा करते हुए साहित्य अकादमी ने आज सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर राज्य एवं केंद्र सरकारों से इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाने की अपील की।
दुलहनिया कर रही दिलवाले के लिए जतन

दुलहनिया कर रही दिलवाले के लिए जतन

दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे को आए कितने साल बीत गए। पूरे 20 साल जी। शाहरूख-काजोल की यह जोड़ी आज तक वहीं पर खड़ी है। जब भी दोनों की बात होती है इस फिल्म की चर्चा जरूरी होती है।
शाहरूख को यह क्या हुआ

शाहरूख को यह क्या हुआ

अपने सहकलाकारों के प्रति शाहरूख का प्रेम कम ही देखने को मिलता है। लेकिन आजकल वह अपने जूनियरों की खूब तारीफ कर रहे हैं। हाल ही में सोनू सूद की तारीफ के बाद इस बार वरुण धवन का नंबर आया है। शारूख आजकल दूसरों की तारीफ में इतने व्यस्त हैं कि सभी को लग रहा है उन्हें अचानक क्या हुआ है।
यह कैलेंडर बदल दो

यह कैलेंडर बदल दो

साल तो आप नहीं बदल सकते, मगर पसंद न आने पर कैलेंडर तो बदल ही सकते हैं। तो यकीन मान कर चलिए यह ‘कैलेंडर’ अगला हफ्ता आते-आते तक बदल जाएगा।
सज चुका है बिहार के चुनावी महाभारत का मैदान

सज चुका है बिहार के चुनावी महाभारत का मैदान

बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए होने जा रहे चुनावी महाभारत के लिए मैदान तकरीबन सज चुका है। एक दूसरे को शिकस्त देने के इरादे से दोनों राजनीतिक गठबंधन अपने सेनापतियों के साथ आमने सामने डट गए हैं। तीसरी ताकत के नाम पर कुछ महारथी खुद के जीतने के लिए नहीं बल्कि किसी और को हराने और किसी और की जीत में मददगार साबित होने की रणनीति के तहत अगल बगल से या फिर नेपथ्य में रह कर भी इस चुनावी महाभारत में अपनी भूमिका के लिए उद्धत हैं।
डाक टिकट विवाद : आमने-सामने सरकार और कांग्रेस

डाक टिकट विवाद : आमने-सामने सरकार और कांग्रेस

इंदिरा गांधी और राजीव गांधी पर जारी किए गए डाक टिकट और अंतरदेशीय डाक पत्र बंद किए जाने के फैसले को लेकर आज विवाद शुरू हो गया और सरकार ने कहा कि सिर्फ एक ही परिवार को यह सम्मान नहीं मिल सकता वहीं कांग्रेस ने इस कदम को इतिहास का अपमान बताते हुए माफी मांगे जाने की मांग की।
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