रविंद्र जडेजा ने भारत के वेस्टइंडीज बोर्ड अध्यक्ष एकादश के खिलाफ दूसरे मैच के दूसरे दिन शानदार फार्म जारी रखते हुए तीन विकेट चटकाने के बाद अर्धशतकीय पारी खेली।
अपने साथी खिलाडि़यों की तरह बायें हाथ के स्पिनर रविंद्र जडेजा को भी बखूबी पता है कि विदेश में जीते बगैर भारत में मिली कामयाबी के उतने मायने नहीं हैं और वेस्टइंडीज के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज में भारतीय टीम का लक्ष्य यही है।
रविंद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन और अमित मिश्रा की स्पिन तिकड़ी के दम पर भारत ने दूसरे और आखिरी अभ्यास मैच के पहले दिन वेस्टइंडीज बोर्ड अध्यक्ष एकादश को सिर्फ 180 रन पर समेट दिया।
प्रवर्तन निदेशालय ने वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी और उनकी पत्नी वाई. एस. भारती रेड्डी की धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में 749 . 10 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त कर लिया है।
गुजरात वन विभाग ने क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की जूनागढ़ में गिर वन्यजीव अभ्यारण्य में शेर के साथ सेल्फी लेने की कथित घटना की जांच के आदेश दे दिये हैं, क्योंकि एेसा करने की अनुमति नहीं है। यह कथित घटना कुछ दिन पहले ही घटी है। वन विभाग ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को शेरों के साथ सेल्फी लेने के खिलाफ आदेश दिया हुआ है। कुछ फोटों में जडेजा अपनी पत्नी रीवा के साथ शेरों के सामने पोज करते हुए दिख रहे हैं। ये फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गयीं।
दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली पुलिस को ठुल्ला कहने के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आरोपी के रूप में तलब किया है। मजिस्ट्रेट ने आदेश देते हुए कहा कि प्रथम दृष्ट्या उन्होंने अपराध किया था।
उस्मानिया विश्वविद्यालय के छात्रों के एक समूह द्वारा बुधवार को किये गए पथराव में सात पुलिसकर्मी घायल हो गए। छात्रों के समूह ने पुलिसकर्मियों पर तब पथराव किया जब पुलिस परिसर स्थित पानी की एक टंकी में मिले एक व्यक्ति के शव को निकालकर ले जा रही थी। इस घटना को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में तनाव उत्पन्न हो गया।
रवीन्द्र का की ख्याति एक उपन्यासकार, कहानीकार के अलावा बहुत अच्छे चुस्त संपादक के रूप में थी। उन्होंने एक पूरी साहित्य जगत में एक पूरी पीढ़ी खड़ी की। भारतीय ज्ञापनीठ की पत्रिका नया ज्ञानोदय के अलावा वह भारतीय भाषा परिषद की पत्रिका वागर्थ के भी संपादक रहे। 11 नवंबर 1939 को जालंधर में जन्में रवीन्द्र कालिया ने धर्मयुग से अपनी पारी शुरू की थी। उनकी कई कहानियां चर्चित हैं। नौ साल छोटी बीवी, खोटे सिक्के, त्रास ऐसी कहानियां हैं जो पाठकों के दिलो-दिमाग पर हमेशा छाई रहेंगी। पिछले दिनों लंबी बीमारी के बाद इस यशस्वी संपादक ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
महिला शिक्षा और सशक्तीकरण का बीड़ा उठा रहीं महिला हस्तियों की दिलचस्प और अनुकरणीय पहल, जो कारोबार, खेल और बैंकिंग क्षेत्रों में कामयाबी की बुलंदी छू रही हैं