महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने आज वनडे करियर में अपने 6 हजार रन पूरे करते इस वर्ल्ड रिकॉर्ड को अपने नाम किया है। यह उनका 182वां वनडे मैच है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही त्रिवेंद्र सिंह रावत की तुलना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तेजी और तेवरों से की जा रही है। जबकि रावत मानते हैं कि पहाड़ में पहाड़ के हिसाब से रफ्तार रखनी पड़ती है।
अनिल कुंबले के इस्तीफा देने के बाद टीम इंडिया के नए कोच की तलाश शुरू हो गई है। नए कोच के लिए दस उम्मीदवारो को चुना गया गया है। इनमें रवि शास्त्री, वीरेंद्र सहवाग, क्रेज मैकडरमोट, लांस क्यूसनर, राकेश शर्मा, लाजचंद राजपूत, फिल सिमंस, टाम मूडी, डोडा गणेश और रिचर्ड पाइबस हैं।
जीएसटी के मेगा लाॉन्चच इवेंट का बहिष्कार करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘एक राष्ट्र, एक कर’ प्रणाली के लागू होने पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि ये आजादी और लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है।
इंग्लैंड में होने वाले चौथे आईसीसी महिला विश्व कप से पहले भारतीय महिला क्रिकेट कप्तान मिताली राज एक रिपोर्टर के लिंग भेदभाव के सवाल पर भड़क उठीं और उन्होंने रिपोर्टर को कुछ ऐसा जवाब दिया जिससे उनकी काफी तारीफ हो रही है।
भारत की राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज इंग्लैंड में 24 जून यानि कल खेले जाने वाले चौथे आईसीसी महिला विश्व कप के लिए तैयार हैं। लेकिन विश्वकप से पहले ऐसा क्या हुआ जो मिताली एक रिपोर्टर पर भड़क उठीं।
कांग्रेस पार्टी ने व्हाट्सऐप मैसेज को लेकर एक कड़ा कदम उठाया है। हाल ही में कांग्रेस ने अपने मेरठ के जिला अध्यक्ष विनय प्रधान को पद से हदा दिया। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि पार्टी से भी सस्पेंड कर दिया है। कांग्रेस का यह कदम उठाने की वजह यह है कि जिलाध्यक्ष ने कांग्रेस उपाध्यक्ष को पप्पू कह दिया था।
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जीएसटी दरों को कम करने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी दरें ज्यादा होने से देश में महंगाई और इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन का मानना है कि मोदी सरकार ने तीन साल में देश को आर्थिक स्थिरता प्रदान की है और सुधारों की दिशा में बड़े कदम बढ़ाए हैं। सार्वजनिक संसाधनों के आवंटन में भ्रष्टाचार पर अंकुश और जैम व्यवस्था को वे मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धियां मानते हैं। लेकिन यह भी स्वीकार करते हैं कि तेज आर्थिक वृद्धि दर के बावजूद रोजगार के मौकों की रफ्तार धीमी है। उन्होंने अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और केंद्र सरकार के तीन साल के कामकाज से जुड़े कई अहम मु्द्दों पर आउटलुक के संपादक हरवीर सिंह से बेबाक बातचीत की। कुछ अंश: