कुमार विश्वास के झगड़े की वजह कहीं राज्यसभा की सदस्यता तो नहीं है। अचानक विश्वास के तेवर बदलने को लेकर पार्टी में कई तरह की चर्चाएं हैं। पंजाब व गोवा के बाद निगम चुनावों को लेकर जिस तरह आप में उठापटक हुई है, उसकी वजह आप में पार्टी नेताओं द्वारा जगह बनाना और राज्यसभा की दावेदारी मजबूत करना माना जा रहा है।
राजस्थान के अलवर में गाय ले कर जा रहे एक व्यक्ति की गौरक्षकों द्वारा कथित रूप से बुरी तरह पीटे जाने के बाद उपचार के दौरान उसकी मौत होने की घटना से इंकार करने के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के राज्यसभा में दिए गए बयान को ले कर कांग्रेस सदस्यों ने शुक्रवार को उच्च सदन में हंगामा किया और सदन को गुमराह करने के लिए उनसे माफी की मांग की।
राज्यसभा में गरुवार को जीएसटी से जुड़े चार बिलों को बिना किसी संशोधन के पास कर दिया गया है। इन चार बिलों में सी-जीएसटी, आईजीएसटी, यूटीजीएसटी और जीएसटी मुआवजा बिल शामिल है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कांग्रेस से अपील की थी कि वो राज्यसभा में जीएसटी पर आम सहमति बनाने में मदद करे। इससे पहले लोकसभा में भी इन चारों बिलों को मंजूरी दे दी गई थी।
राज्यसभा में सपा के एक सदस्य ने सचिन तेंदुलकर और रेखा के सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं होने पर आपत्ति जतायी और सवाल किया कि अगर उनकी रूचि इसमें नहीं है तो क्या उन्हें इस्तीफा नहीं दे देना चाहिए।
बसपा नेता मायावती ने भाजपा को दोबारा चुनौती दी कि अगर उसे उत्तर प्रदेश में जनता से जनादेश प्राप्त करने का पूरा भरोसा है तो वह राज्य में मतपत्रों का उपयोग करते हुए विधानसभा चुनाव कराए। साथ ही बसपा प्रमुख ने चुनावों में ईवीएम का उपयोग खत्म करने के लिए एक कानून बनाए जाने की मांग भी की।
लोकसभा चुनाव में हारने के बाद राज्यसभा के रास्ते सांसद बनने पर रोक लगाने संबंधित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सवालिया निशान उठाए हैं। न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी और विनोद गोयल की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि कानून बनाना और उसमें बदलाव करना न्यायपालिका का काम नहीं है, इसके लिए सरकार को चुना जाता है। न्यायपालिका केवल इस बात की समीक्षा कर सकती है कि यह कानून देश के बुनियादी ढांचे व संविधान के अनुरूप बनाए गए हैं या नहीं।
छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों द्वारा कथित ज्यादतियां किए जाने को लेकर वहां की भाजपा सरकार को बर्खास्त करने की मांग सोमवार को राज्यसभा में कांग्रेस के एक सदस्य ने की जिसके बाद सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।
सर आइजैक न्यूटन के मशहूर गति के तीन नियमों की व्याख्या समेत उनके मौलिक काम को खुद में समाहित करने वाली एक पुस्तक को 37 लाख डॉलर की बड़ी राशि में बेचा गया है। इसके साथ ही यह किसी नीलामी में बेची गई अब तक की सबसे महंगी मुद्रित वैज्ञानिक किताब बन गई है।