राज्यसभा के चुनाव के बाद भाजपा को कुल मिलाकर 4 सीटों का फायदा हुआ है। वहीं कांग्रेस हमेशा की तरह इस बार भी घाटे में रही है। उसे पांच सीटोंं का नुकसान हुआ है। राज्यसभा की खाली हुई 57 सीटों में 14 भाजपा के पास थीं। चुनावों के बाद उसके पास 17 सीटें हो गई हैं। हरियाणा से सुभाष चंद्रा भी भाजपा के समर्थन से जीते हैं। लिहाजा भाजपा को चंद्रा को मिलाकर चार सीटों का फायदा हुआ है। परिणाम आने के बाद कांग्रेस की राज्यसभा में पांच सीटें कम हो गई हैं। उसके 14 सांसद रिटायर हुए थे। लेकिन उसे केवल 9 सीटें ही मिलीं।
उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, कर्नाटक, हरियाणा समेत सात राज्यों में राज्यसभा की 27 सीटों के लिए मतदान शुरू हो गया है। राज्यसभा की खाली 57 सीटों में से 30 का फैसला निर्विरोध हो चुका है। बाकी 27 सीटों के लिए मतदान की नौबत है। उत्तर प्रदेश में क्रास वोटिंग, मध्य प्रदेश में बसपा द्वारा कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन की घोषणा और राजस्थान में उद्योगपति कमल मुरारका के मैदान में उतरने के चलते मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
झारखंड की दो राज्यसभा सीटों के लिए हो रहे चुनावों के मतदान के दिन शनिवार को यहां पूर्व के एक आपराधिक मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक चमरालिंडा को तड़के गिरफ्तार कर लिया गया। राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि यह चुनावी रणनीति का एक हिस्सा है। राज्यसभा के चुनाव में विधानसभा में जाकर वोट डालना अनिवार्य है। लिहाजा चमरालिंडा के गिरफ्तार होने के बाद झामुमो का एक वोट कम हो जाएगा। इस गिरफ्तारी से विपक्ष झामुमो को नुकसान होने की आशंका है।
पाकिस्तान की बेटी मशाल माहेश्वरी को कर्नाटक में एक मेडिकल सीट ऑफर की गई है। इस तरह उसका डाॅॅक्टर बनने का सपना पूरा हो जाएगा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के हस्तक्षेप के बाद उसे यह सीट ऑफर की गई है। मशाल ने जयपुर में रहते हुए अभी सीबीएसई से अभी हाल ही में 12 वीं की परीक्षा 91 फीसदी अंक के साथ पास की है। निसंदेह यह प्रतिभा अब अमन चैन के साथ डॉक्टरी कैरियर को एक नया परवान देगी।
बिहार में राजद-जदयू-कांग्रेस महागठबंधन ने उन सीटों की घोषणा कर दी जिनपर अलग-अलग तीनों पार्टियां चुनाव लड़ेंगी। कुल 243 सीटों में अब राजद और जदयू 101-101 और कांग्रेस 41 सीटों पर लड़ेगी। पटना में तीनों दलों के संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी गई है।
आज विपक्ष के सदस्यों ने राज्यसभा टीवी चैनल के बारे में कुछ समाचार पत्राों में छपी एक खबर को तथ्यहीन बताते हुए इस बारे में विशेषाधिकार हनन के नोटिस को स्वीकार कर उस पर चर्चा कराने और इस मामले में सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है। इस पर सरकार ने अनुरोध किया यह मुद्दा प्रेस की आजादी से जुड़ा हुआ है। इसलिए इस पर कोई भी फैसला लेते समय विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।