आम बजट से तीन दिन पहले संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा में अगले वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि 7 से 7.75 प्रतिशत के दायरे में रहने की उम्मीद जताते हुए जीएसटी सहित तमाम आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने, सब्सिडी कम करने और राजकोषीय अनुशासन के रास्ते पर बने रहने पर जोर दिया गया है।
महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने गुरुवार को आदर्श घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पर मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई को मंजूरी दे दी। राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के इस कांग्रेस नेता के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा किए जाने के कुछ दिनों बाद यह अनुमति दी।
सरकार की इस सप्ताह संसद में जीएसटी विधेयक आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता के बीच नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या ने सोमवार को कहा कि उन्हें विधेयक पारित हो जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि भारत बड़े सुधारों के मामले में सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि वह राजकोषीय घाटे को लेकर चिंतित नहीं हैं तथा सातवें वेतन आयोग को लागू करने के लिए अतिरिक्त व्यय की जरूरतों के बावजूद घाटे को सीमित रखने का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।
म्यांमार के चुनावों में भारी जीत की ओर बढ़ती दिखाई दे रही विपक्षी पार्टी ने सरकारी चुनावी पैनल पर जानबूझकर नतीजों में देरी करने का आरोप लगाया है। आंग सान सू की की पार्टी ने कहा है कि शायद चुनावी पैनल कुछ तरकीब लड़ाना चाहता है।
गाय को पवित्र कब से माना गया और क्यों माना गया, यह व्यापक विवाद और विमर्श का विषय है। इस बात पर भी भयंकर मतभेद है कि प्राचीन सभ्यताएं गोमांस को स्वीकृति देती थीं और भारत के आदिकालीन निवासी अपने खान-पान में उसे शामिल करते थे। आर्ष ग्रंथों में आई उन बातों को भी अब कोई नहीं सुनता है कि किसी जमाने में गौमेध यज्ञ भी हुआ करते थे। अब जब गाय को पवित्र मान कर उसे मां का दर्जा दे ही दिया गया है और उसे आस्था की वस्तु बनाकर आलोचना से परे रख दिया गया है तो उस पर बहस की कोई गुंजाईश रही ही कहां है। अब तो ‘वन्दे धेनुमातरम‘ और ‘जय गोमाता‘ कहो, गोकथा कराओ, गोदूध महोत्सव मनाओ, गोशाला चलाओ, गोमंदिर बनाओ, गोकुल धाम निर्मित करो और गोअनुसंधान एवं गोरक्षा के नाम पर तरह-तरह के संगठन और सेनाएं बनाकर जमकर हंगामा मचाओ। आज गाय के नाम पर सब कुछ जायज है क्योंकि गाय हमारी माता है, गाय की रक्षा करना हमारा धर्म है, यह पुण्य का काम है।