लगातार हो रही बारिश के चलते देश के कई राज्यों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। हिमाचार प्रदेश में बारिश के कारण फिर से भूस्खलन हुआ। असम में भी बाढ़ के हालात गंभीर बने हुए हैं और देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में रविवार को भी बारिश जारी रही। गुजरात के मोरबी जिले के टनकारा तालुका में अधिक बारिश होने से कई डैम में जलस्तर बढ़ गया जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। राजस्थान के जोधपुर में मूसलाधार बारिश से दोपहिया वाहन सड़कों पर तैरते नजर आए। लोगों ने दुकानें नहीं खोली और घरों में कैद रहे। मानसून की पहली बारिश में सड़कों पर नदी नालों की तरह पानी बहा। इसमें बहती गाड़ियों को पकड़ने के लिए लोग मशक्कत करते रहे।
यूपी में पीएम नरेंद्र मोदी के योग कार्यक्रम के दौरान बारिश के बाद भी लोग योग करते रहे, जिसकी वजह से कई बच्चों की तबीयत खराब हो गई, जिन्हें लोक बंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे पर नालूपानी के पास तीर्थयात्रियों से भरी एक बस भागीरथी नदी में गिर गई, जिसमें 21 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। जबकि सात श्रद्धालुओं को सुरक्षित बचा लिया गया है। ये सभी श्रद्धालु गंगोत्री धाम से दर्शन करके लौट रहे थे। पीएम नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजन को 2 लाख और गंभीर रूप से जख्मी हुए लोगों को 50 हजार रुपये की मदद का एलान किया है।
दक्षिण पश्चिम मॉनसून इस वर्ष सामान्य रहेगा। भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक केजे रमेश ने कहा कि देशभर में अच्छी बारिश होगी। उन्होंने कहा, देश में 96 फीसदी दीर्घावधि औसत बारिश होगी।
बारिश के कारण न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच आखिरी क्रिकेट टेस्ट के आखिरी दिन का खेल नहीं हो सका जिससे कीवी टीम श्रृंखला में बराबरी की जीत से वंचित रह गई। दक्षिण अफ्रीका ने दूसरी पारी में पांच विकेट पर 80 रन से आगे खेलना शुरू किया। उसे न्यूजीलैंड को दोबारा बल्लेबाजी के लिये उतारने के लिये 95 रन और बनाने थे।
गोरखपुर के दो दिवसीय दौरे से लौटे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज लखनऊ के गोमती रीवर फ्रंट पहुंचकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान सीएम के साथ डिप्टी सीएम और कई मंत्री भी मौजूद थे।
गंगा, यमुना, कृष्णा, कावेरी जैसी नदियों की अविरल धारा और निर्मलता सुनिश्चित करने के लिए जल विशेषज्ञों ने तालाबों, छोटी नदियों को बचाने के कार्य से ग्राम पंचायतों को जोड़ने तथा नदियों को बांधे और जोड़े बिना बाढ़ और सूखे जैसी स्थिति से बचने का नया विज्ञान खोजने की जरूरत बतायी है।