उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का तुरुप का पत्ता मानी जा रहीं प्रियंका गांधी के सियासी मैदान में उतरने का बेसब्री से इंतजार कर रहे कांग्रेसियों को अभी कुछ और समय तक इंतजार करना पड़ेगा। पार्टी की अभी तक की रणनीति के तहत अक्टूबर महीने तक प्रियंका के चुनावी अभियान का कोई कार्यक्रम तय नहीं हुआ है। मगर प्रियंका पार्टी के अभियान को नया तेवर और कलेवर देंगी, यह लगभग तय है।
आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी ने डूसू चुनाव में अपना वर्चस्व बरकरार रखते हुए अध्यक्ष सहित तीन सीटें जीत लीं जबकि कांग्रेस से संबद्ध छात्र संगठन एनएसयूआई ने वापसी करते हुए संयुक्त सचिव का पद अपने नाम किया।
तुर्की में पिछले दिनों तख्तापलट की कोशिश करने वालों को जेल में डालने के लिए तुर्की की सरकार ने हजारों पूराने कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है। तख्तापलट की साजिश रचने वालों को जेल में रखने के लिए 38000 कैदियों को रिहा किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माई गवर्नमेंट पहल की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर शनिवार को टाउन हॉल शैली में लोगों को संबोधित किया। अपने संबोधन में मोदी ने गौ रक्षा के नाम पर दुकान चलाने वालों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ऐसे लोगों को असामाजिक तत्व बताया।
उत्तर प्रदेश में चुनाव में अभी देरी है पर समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच घमासान शुरू हो गया है। राज्य का राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। कांग्रेस ने अपने सारे पत्ते खोल दिए हैं। कांग्रेस को प्रियंका गांधी से काफी उम्मीद है। राहुल गांधी और सोनिया गांधी भी पूरा जोर लगानेे की तैयारी में है।
बॉलीवुड स्टार प्रियंका चोपड़ा भारत में अपने परिवार के साथ मस्ती कर फिर एक बार अमेरिका उड़ गई हैं। उन्होंने अपने हॉलीवुड टीवी सीरीज क्वांटिको के दूसरे सीजन की शूटिंग शुरू कर दी है।
प्रियंका गांधी ने मंगलवार को कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश के प्रभारी गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उत्तर प्रदेश में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी में उनकी भूमिका को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने उग्र-आक्रामक प्रचार और तमाम धड़ों को समेटने का जिम्मा राजनीति में परिपक्व राजनेता राज बब्बर को सौंपा, प्रियंका गांधी की भूमिका पर साधी चुप्पी, मुख्यमंत्री चेहरे पर भी कायम खामोशी
पार्टी में इसके इर्द-गिर्द चल रही अटकलों को विराम देने का फैसला किया है और अब उत्तर प्रदेश से जुड़ी खबरों के लिए गुलाम नबी आजाद को पैनी निगाह रखने की सलाह दी गई है