ऐसा लगता है कि पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कुछ खास समझ बन रही है। तभी तो लगातार भाजपा नेताओं के लिए परेशानी का कारण बने ललित मोदी प्रधानमंत्री मोदी की शान में कसीदे पढ़ रह हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तो यह बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के लिए प्रशंसा का जुमला था लेकिन उनकी जुबान क्या फिसली कि कुछ ही देर में टि्वटर पर #DespiteBeingAWoman टॉप ट्रेंड करने लगा। जनता ने भौंहें तानते हुए जी भर भड़ास निकाली। जनता ने याद दिलाया महिला के रूप में अगर दृड़ प्रधानमंत्री की ही बात है तो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नरेंद्र मोदी कैसे भूल गए। गौरतलब है कि ढाका विश्वविद्यालय में बोलते हुए मोदी ने कहा कि, 'हम हर बात का समाधान जानते हैं, लेकिन आतंकवाद का नहीं। मुझे खुशी है कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने एक महिला होने के बावजूद आतंकवाद को 'कतई बर्दाश्त नहीं करने' का ऐलान किया है।'
दो दिवसीय दौरे के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंचे। एयरपोर्ट पर उन्हें लेने के लिए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना खुद पहुंचीं। एयरपोर्ट पर ही प्रधानमंत्री मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान तीस्ता जल बंटवारे को छो़ड़कर अन्य कई महत्वपूर्ण समझौतों को हरी झंडी मिलने की उम्मीद है।
भारतीय क्रिकेट टीम का बांग्लादेश दौरा एक दिन के लिए टल गया है। इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश जा रहे हैं इसलिए भारतीय टीम अब 7 जून के बजाय 8 जून को बांग्लादेश पहुंचेगी। दरअसल भारतीय टीम को 7 जून को ही ढाका के लिए रवाना होना था लेकिन उसी दिन प्रधानमंत्री भी वहां पहुंच रहे हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को तीसरी बार लागू करने के निर्णय के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि यह विधेयक उनके लिए जीवन या मरण का विषय नहीं है और वह इस बारे में कोई भी सुझाव स्वीकार करने को तैयार हैं।
प्रधानमंत्री के पास सारी शक्तियां केंद्रित होने की आलोचनाओं को खारिज करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि नरेंद्र मोदी स्वयं सारी बातों को समझकर एवं अनुभव लेकर काम करने वाले प्रधानमंत्री हैं।
भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहें कि भूमि विधेयक उनके लिए जीवन मरण का प्रश्न नहीं है मगर केंद्रीय कैबिनेट ने शनिवार को फैसला लिया कि भूमि अध्यादेश फिर से जारी होगा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को यह अध्यादेश फिर भेजा जाएगा।
चीन के सरकारी मीडिया में प्रकाशित एक आलेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति में कोई नाटकीय सुधार नहीं होने और इसके सुरक्षा केंद्रित होने का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि चीनी नागरिकों को ई-वीजा मुहैया कराने का उनका फैसला अपर्याप्त है और इसका कारोबारी और कामकाजी वीजा तक विस्तार होना चाहिए।