बड़े नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के निर्णय के मुद्दे पर एकजुट विपक्ष के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
व्यावसायिक सरोगेसी पर रोक लगाने की दिशा में आज लोकसभा में एक विधेयक पेश किया गया जिसमें महिलाओं को उत्पीड़न से संरक्षण और सरोगेसी से जन्मे बच्चे के अधिकारों को सुनिश्चित करने के प्रावधान हैं।
नोटबंदी के फैसले से आम लोगों को हो रही परेशानी को लेकर भाजपा को जहां अपनी ही सहयोगी शिवसेना के हमलों का सामना करना पड़ रहा है वहीं अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने भी मोदी सरकार पर तंज कसा है।
उड़ी आतंकवादी हमले में हुई मौतों को नोटबंदी के दौरान हुई मौतों से जोड़ने को लेकर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को आड़े हाथ लेते हुए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने आज कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री की टिप्पणियां उद्दंड, राष्ट्र विरोधी और शहीदों के लिए अपमानजनक हैं।
देश में 1000 और 500 रुपये के नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के निर्णय के मुद्दे पर आज लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने मतदान के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा कराए जाने को लेकर भारी हंगामा किया जिसे अध्यक्ष ने अनुमति नहीं दी। हालांकि सरकार इस बात पर कायम रही कि वह नियम 193 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा को तैयार है। विपक्ष के हंगामे कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद आज दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दल बड़े नोटों को अमान्य करने के सरकार के निर्णय के खिलाफ कल लोकसभा में कार्यस्थगन का प्रस्ताव लाने की तैयारी में हैं। इस निर्णय से देश भर में लोगों को हो रही परेशानियों को मुद्दा बनाते हुए विपक्ष की सरकार को जबर्दस्त तरीके से घेरने की योजना है।
कालेधन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के तहत केंद्र सरकार ने आज आधी रात से 500 और 1000 रुपये के नोटों पर पाबंदी लगा दी है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में इस फैसले का एलान किया।
चुनाव आयोग ने आज आपराधिक मामलों में विधि निर्माताओं को दोषी ठहराए जाने पर उन्हें तुरंत अयोग्य घोषित करने की मांग का समर्थन किया लेकिन उच्चतम न्यायालय से कहा कि चुनाव संबंधी कानून के प्रावधान इस तरह का उपाय करने में रोड़ा हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने पर चर्चा की वकालत करने के बीच कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इससे हर साल चुनाव पर होने वाले खर्च को कम करने और सरकारी फैसलों के आचार संहिता से प्रभावित होने से बचा जा सकेगा जबकि कुछ का कहना है कि इसमें संघीय लोकतंत्र बनाए रखना और दलीय लोकतंत्र की खामियां एक बड़ी चुनौती है।