उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भाजपा नेताओं की गुंडागर्दी सामने आई है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर का है। यहां पुलिस स्टेशन में बंद आरोपी को भाजपा नेताओं द्वारा जबरदस्ती छुड़ाकर ले जाया गया।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। उपद्रवियों को चेताते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसी भी कीमत पर शहर की फिजा नहीं बिगड़ने दी जाएगी।
दिल्ली विश्वविद्यालय में आईएसआईएस के समर्थन में नारे लिखे जाने की घटना सामने आई है। डीयू के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की दीवारों पर ये नारे लिखे गए हैं। शिक्षकों और छात्र संगठनों ने इस मामले की जांच की मांग की है।
प्रशासन से अनुमति न मिलने के बावजूद शनिवार को राहुल गांधी ने सहारनपुर पहुंचकर हिंसा पीड़ित परिवारों से मुलाकात की है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर बताया कि वे पैदल चलकर शहांजहांपुर चौकी पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मिले।
सहारनपुर हिंसा यूपी सरकार के काबू में नहीं आ रही है। इसके पहले अखिलेश सरकार में मुजफ्फरनगर सुलगा था तो योगी सरकार में सहारनपुर। योगी सरकार, पूर्ववर्ती सरकार से कोई सबक लेती नहीं दिख रही है?
कोलकाता पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए भाजपा नेताओं को आज अदालत के सामने पेश किया है। भाजपा नेताओं ने अपने पार्टी के लोगों पर हो रहे हमले और बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरोध में गुरुवार को यह प्रदर्शन किया था, जिसने बाद में हिंसक रुप धारण कर लिया।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में दो पक्षों के बीच हुई झड़प के बाद शहर की हालत संवेदनशील बनी हुई है। शहर में पत्थरबाजी और फायरिंग की घटनाएं हो चुकी हैं। अब स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। पुलिस द्वारा हालात को नियंत्रित करने और कड़ी नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों की मदद ली जा रही है।
सहारनपुर में जतीय हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। उधर सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि मैनचेस्टर हमले की निंदा करने वाले प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी सहारनुपर हिंसा पर मौन धारण क्यों किए हुए हैं।
उत्तर प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था मोदी सरकार के तीन साल के जश्न का मजा किरकिरा कर सकती है। मोदी और योगी पर हमले के मुद्देे तलाश रहे विपक्ष को सहारनपुर हिंसा और ग्रेटर नोएडा में चार महिलाओं से गैंगरेप की घटना ने बड़ा मुद्दा दे दिया है।