प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की याद में 125 रूपये औैर 10 रूपये के स्मारक सिक्के जारी किए। आज बाबा साहेब अंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस है। इस साल सरकार अंबेडकर की 125वीं जयंती भी मना रही है।
देश में बढ़ रही असहिष्णुता के माहौल को लेकर सोमवार को दिए अपने बयान पर मचे बवाल के बाद बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान ने आज एक बयान जारी कर कहा है कि वह अपनी बातों पर कायम हैं लेकिन उनका और उनकी पत्नी का देश छोड़ने का कोई इरादा नहीं है।
श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर फाउंडेशन के संवाद श्रृंखला 2 में समसामयिक घटना पुरस्कार वापसी और उसके विरोध पर ‘अब क्या’ विषय पर संवाद का आयोजन किया गया। पुरस्कार वापसी का समर्थन और विरोध कर रहे दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी।
देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ पुरस्कार लौटाने के तरीके पर असहमति जताते हुए मशहूर अभिनेता कमल हासन ने कहा कि पुरस्कार वापस करना इस समस्या का कोई समाधान नहीं है क्योंकि ध्यान आकर्षित करने के और भी तरीके हैं।
बढ़ती असहिष्णुता और गलत नीतियों पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। सोनिया ने राष्ट्रपति से सरकार को कड़े कदम उठाने की सलाह देने का आग्रह किया।
नए अभिनेता जरा मुश्किल से ही राजनीति पर अपनी राय जाहिर करते हैं। लेकिन राष्ट्रीय पुरस्कार सम्मानित अभिनेता राजकुमार राव ने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने के फिल्म निर्माताओं के फैसले को साहसी कदम बताया है।
पिछले कुछ दिनों से पुरस्कार लौटा रहे लेखकों की सूची में नया नाम शायर मुनव्वर राणा का जुड़ गया है। इस मौके पर उन्होंने कहा, विरोध दर्ज कराने का इससे मजबूत और कोई जरिया नहीं है।
राजेंद्र राव शिक्षा और पेशे से भले ही इंजीनियर रहे हों, मगर उनका मन सदैव साहित्य और पत्रकारिता में ही रमा रहा । तकनीकी और प्रबंधन के क्षेत्र में काफी समय बिताने के बाद अवसर मिलते ही साहित्यिक पत्रकारिता में आ गए। कृतियों में एक उपन्यास, सात कथा संकलन और कथेतर गद्य के बहुचर्चित संकलन उस रहगुजर की तलाश है । संप्रति दैनिक जागरण में साहित्य संपादक।
उदय प्रकाश, अशोक वाजपेयी और नयनतारा सहगल सहित 21 लेखकों द्वारा साहित्यिक सम्मान लौटाने की घोषणा पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हिन्दू धर्म को विकृत करने और भारत को नष्ट करने के प्रयासों में सेकुलर ग्रंथि से पीड़ित कुछ असहिष्णु कलमकारों ने अपने तमगे लौटा दिए हैं।