Advertisement

Search Result : "PM Mori caste controversy"

जय प्रकाश नारायण के जन्मस्थल को लेकर विवाद

जय प्रकाश नारायण के जन्मस्थल को लेकर विवाद

लोकनायक जय प्रकाश नारायण का स्मारक बिहार के लाला का टोला गांव में बनवाने के केंद्रीय मंत्रिपरिषद के फैसले को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। लोकनायक के परिजन तथा समर्थकों ने बलिया के जेपी नगर को उनका असल जन्मस्थान बताते हुए केंद्र सरकार के निर्णय को बिहार विधानसभा चुनाव में लाभ लेने के लिए उठाया गया कदम करार दिया है।
विरोधियों को 'आंख निकालने' की धमकी

विरोधियों को 'आंख निकालने' की धमकी

बंगाल की राजनीति में जुबानी जंग तेज हाे गई है। मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने विरोधियों की आंख निकालने और हाथ काटने की धमकी दे डाली है।
गोमांस विवाद  पर अब नजमा बोलीं

गोमांस विवाद पर अब नजमा बोलीं

गोमांस पर प्रतिबंध को लेकर छिड़े विवाद पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्यमंत्री नजमा हेपतुल्ला ने सोमवार को कहा कि गाय को लेकर विशेष भावना रखने वाले बहुसंख्यक समुदाय की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि सत्ता में रहते हुए उसने सिर्फ अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण किया।
बोफोर्स की तारीफों के दिन

बोफोर्स की तारीफों के दिन

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को कहा कि बोफोर्स की तोपें अच्छी हैं। लेकिन उन्होंने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के उस बयान पर टिप्पणी करने से इन्‍कार कर दिया जिसमें बोफोर्स कांड को मीडिया ट्रायल कहा गया है। एक स्‍वीडिश अखबार को दिए इंटरव्‍यू में प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि बोफोर्स सौदे को घोटाला कहना उचित नहीं है। वह एक मीडिया ट्रायल था।
जीशान को रेडियो जॉकी बनने का प्रस्ताव

जीशान को रेडियो जॉकी बनने का प्रस्ताव

मुंबई में एक मुसलमान एमबीए युवक जीशान खान को हीरे का निर्यात करने वाली कंपनी हरि कृष्णा एक्सपोर्ट्स द्वारा मुस्लिम होने की वजह से नौकरी न दिए जाने पर मचे हंगामे के बीच एक दिलचस्प खबर यह है कि जीशान को एक रेडियो स्टेशन ने रेडियो प्रस्तोता या कहें रेडियो जॉकी की नौकरी का प्रस्ताव दिया है।
निर्यात हिंदुत्व और जाति का

निर्यात हिंदुत्व और जाति का

जातिगत उत्पीडऩ और भेदभाव के खिलाफ मुखर होता दलित डायस्पोरा इससे चिंतित।भारतीय डायस्पोरा का यह दलित स्वर या दलित डायस्पोरा दुनिया के तमाम बड़े देशों में धीरे-धीरे मजबूत होता दिख रहा है। गैर दलित डायस्पोरा ने तो बड़ी तादाद में (सबने नहीं) अपनी राजनीति स्पष्ट कर दी है, अपना झुकाव स्पष्ट कर दिया है, दलित डायस्पोरा अभी उसके साथ खड़ा नहीं दिख रहा। भारत की नई सरकार से उसे भी अपेक्षाएं हैं। वह भी बेहतर सुविधाओं और व्यापार की संभावनाओं के प्रति आशावान है लेकिन जाति तथा जातिगत उत्पीडऩ के सवाल पर फिलहाल कोई समझौता करता नहीं दिखता।
Advertisement
Advertisement
Advertisement