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Search Result : "PMC Bank crisis"

माल्‍या के 'अच्‍छे दिन', एसबीआई नेे किंगफिशर को दिए कर्ज को डूबा माना

माल्‍या के 'अच्‍छे दिन', एसबीआई नेे किंगफिशर को दिए कर्ज को डूबा माना

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने विजय माल्‍या की बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइन्स को दिए 1,200 करोड़ रुपये की उधारी को डूबा मान लिया है। बैंक ने इस तरह इस रकम को अपनी बही के बट्टे खाते (वह कर्ज़, जिसकी वसूली संभव न हो) में दर्ज कर लिया है।
बैंंकों में पैसा जमा कराने वालों की उंगलियों पर अब लगेगी स्‍याही

बैंंकों में पैसा जमा कराने वालों की उंगलियों पर अब लगेगी स्‍याही

कालेधन को जमा कराने के लिए लोगाें की तिकड़म को रोकने के लिए सरकार का अभियान अब और तेज हो गया है। सरकार ने बैंक में पैसा जमा कराने वालों के हाथ पर स्याही का इस्तेमाल करेगी। सरकार के इस तरीके के जरिए अब कालेधन को सफेद करने वालों पर गहनता से नजर रखी जाएगी।
पीएम मोदी की 97 वर्षीय मां ने भी कतार में लग बैंक से निकलवाए पैसे

पीएम मोदी की 97 वर्षीय मां ने भी कतार में लग बैंक से निकलवाए पैसे

पीएम नरेंद्र माेेदी की 97 वर्षीय मां हीराबेन ने मंगलवार को गांधीनगर में अपने गांव के बैंक में अन्य लोगों की तरह ही अपने पुराने नोट बदलवाए। रायसान गांव में स्थित ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में हीराबेन व्हीलचेयर पर पहुंचीं। वह सुबह बैंक पहुंचीं और उनके साथ उनके संबंधी थे।
बैंक बांट रहे है पैैसे, मोदी ने ले आए अच्‍छे दिन : चिदंबरम

बैंक बांट रहे है पैैसे, मोदी ने ले आए अच्‍छे दिन : चिदंबरम

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 500 और 1000 रूपए के पुराने नोट बंद करने के फैसले पर तंज कसते हुए मंगलवार को कहा कि बैंकों की ओर सेे नागरिकों को नगद बांटना इस बात का सबूत है कि अच्छे दिन आ गए हैं। कई ट्वीट करके कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम ने नोटबंदी योजना को लागू करने के तौर-तरीके को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि करोड़ों कामकाजी लोग कतार में खड़े हैं। उत्पादकता जिंदाबाद।
नोटबंदी की वजह से देश में वित्‍तीय अराजकता का माहौल : शिवसेना

नोटबंदी की वजह से देश में वित्‍तीय अराजकता का माहौल : शिवसेना

अवैध धन का सफाया करने में लोगों से सहयोग करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावनात्मक अपील के बावजूद, शिवसेना ने सोमवार को विमुद्रीकरण को नारकीय और अव्यवस्थित करार देते हुये कहा कि इसकी वजह से देश में वित्तीय अराजकता का माहौल है।
नोटबंदी के साइड इफेक्‍ट, क्‍या यह निर्णय जल्‍दबाजी में ले लिया गया

नोटबंदी के साइड इफेक्‍ट, क्‍या यह निर्णय जल्‍दबाजी में ले लिया गया

भ्रष्टाचार पर काम करने वाली संस्था टांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया में भारतीय शाखा के प्रमुख रमानाथ झा ने कहा कि दरअसल भारत में अभी भी नकदी से ही लेन-देन करने की मानसिकता है। अभी यहां के लोग प्लास्टिक मनी के इस्तेमाल के अभ्यस्त नहीं हैं। बैकिंग प्रणाली से जोड़ने और बैकिंग जागरूकता के बगैर अचानक किये गये इस निर्णय से परेशान करने वाले परिणाम तो सामने आने ही हैं।
नोटबंदी कर मोदी ने किया बड़ा घोटाला, अपनों को पहले ही आगाह किया: केजरीवाल

नोटबंदी कर मोदी ने किया बड़ा घोटाला, अपनों को पहले ही आगाह किया: केजरीवाल

मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोट बंद करने के सरकार के फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के एलान से पहले ही अपने दोस्तों और भाजपा के लोगों को आगाह कर दिया था।
नए सुरक्षा फीचर्स के साथ लौटेगा एक हजार रुपए का नोट

नए सुरक्षा फीचर्स के साथ लौटेगा एक हजार रुपए का नोट

मोदी सरकार ने वर्तमान के एक हजार रुपए के नोट को अवैध कर कालाधन को खतम करनेे की कोशिश की है। इसकी सराहना की जा रही है। इसी बीच सरकार ने गुरुवार को जानकारी दी है कि बैन हुए एक हज़ार के नोट वापसी कर सकते हैं। अगले कुछ महीनों में एक हज़ार के नए नोट नए फीचर और डिजाइन के साथ वापसी कर सकते हैं।
मोदी ने बता दिया कि उन्हें आम लोगों की कितनी कम परवाह है : राहुल

मोदी ने बता दिया कि उन्हें आम लोगों की कितनी कम परवाह है : राहुल

कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने 500 रूपए और 1000 रूपए के नोटों को अमान्य घोषित किए जाने को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और इस बात पर हैरानी जताई कि आखिर 2000 रूपए का एक नया नोट लाने से काले धन की जमाखोरी कैसे मुश्किल हो जाएगी?
'अच्‍छे‍े‍ दिन':भारत में बिजनेस आसान नहीं,विश्‍व बैंक ने दिया130वांं स्‍थान

'अच्‍छे‍े‍ दिन':भारत में बिजनेस आसान नहीं,विश्‍व बैंक ने दिया130वांं स्‍थान

विश्‍व बैंक की रिपोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार के विकास के दावों पर गहरी चोट पहुंचाई है। बैंक की वार्षिक रिपोर्ट कहती है कि भारत कारोबार करने में आसान देशों की रैकिंग में 130 वें पायदान पर है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में कारोबार करना कितना कठिन है। पिछले साल के मुकाबले भारत की रैंकिंग में हालांकि एक पायदान का सुधार हुआ है, लेकिन वो भी इसलिए क्योंकि विश्‍व बैंक ने भारत की पिछले साल की रैंकिंग को संशोधित कर 130 वें स्थान से 131वें स्थान पर कर दिया। इसे मानने की बजाय केंद्र की मोदी सरकार ने इस रिपोर्ट पर ही सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
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