प्रख्यात समाजवादी चिंतक, संपादक और कवि कमलेश का शनिवार सुबह दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। वह 78 वर्ष के थे और कुछ समय से बीमार चल रहे थे।
वामपंथी विचारधारा के जाने-माने पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता प्रफुल्ल बिदवई का एम्सटर्डम में निधन हो गया है। एक रेस्तरां में मांस का एक टुकड़ा उनके गले में फंस गया और उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।
विकास के तमाम दावों और चकाचौंध के बीच खेती और किसानी चर्चा के पाएदान पर ही रहती है। केंद्र सरकार के एक साल पूरे होने पर जहां तमाम दूसरे क्षेत्रों की सघन पड़ताल हो रही है, वहीं कृषि पर तवज्जो कम रही। वह भी तब जब पिछले तीन-चार महीने से मौसम की मार की वजह से फसल बर्बाद होने और किसानों की आत्महत्या ने देश का ध्यान बरबस ही गहराते कृषि संकट की ओर खींचा था। नरेंद्र मोदी सरकार को एक साल में किसानों की आत्महत्या, मुआवजा, भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दे पर विपक्षी दलों ने घेरने की लगातार कोशिश की और इसी पर केंद्र सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। इन तमाम ज्वलंत सवालों और संकट से बाहर निकलने की सरकार की रणनीति पर बिहार के मोतिहारी से पांच बार से सांसद और केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से बातचीत के प्रमुख अंश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोगों को गर्मी में संभलकर रहने और अपना ख्याल रखने की सलाह जरूर दी। लेकिन भीषण गर्मी और लू से देश में हुई दो हजार से ज्यादा मौतों पर वह कुछ नहीं बोले।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के एक साल पूरा होने पर पत्र लिखकर उपलब्धियां गिनवाई है। देश के प्रमुख समाचार पत्रों में छपे पत्र में प्रधानमंत्री ने देश को आगे ले जाने और विकास से जुड़े कई बिन्दुओं के बारे में चर्चा की है।
कृषि और किसानों के मुद्दों पर केंद्रित डीडी किसान चैनल का मंगलवार (२६ मई) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुभारंभ करेंगे। सरकार के एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में शुरू किए जा रहे इस चैनल का मकसद सरकार की योजनाओं को किसानों के बीच पहुंचाना है। साथ ही किसानों की समस्याओं से सरकार को अवगत कराना है।
बड़े-बड़े दावों और उम्मीदों के साथ सत्ता में आई मोदी और केजरीवाल की सरकार के लिए आज अपनी-अपनी कामयाबी गिनाने का दिन है। मोदी मथुरा में रैली कर अपनी उपलब्धियां गिनाएंगे तो केजरीवाल ने कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में जनसभा बुलाई है।
अपने एक साल के काम का हिसाब देते हुए नरेंद्र मोदी ने काहा कि जिन्होंने देश को लूटा है, जिनके बुरे दिन आए हैं, वही हल्ला कर रहे हैं। उनकी सरकार ने 365 दिनों में इतने काम किए हैं कि गिनाने जाएं तो 365 घंटे भी कम पड़ जाएंगे।