Advertisement

Search Result : "Nitin Agarwal"

गुजरात के हालात के लिए बेन के 2 साल नहीं, मोदी के 13 साल जिम्‍मेदार : राहुल

गुजरात के हालात के लिए बेन के 2 साल नहीं, मोदी के 13 साल जिम्‍मेदार : राहुल

आनंदीबेन पटेल के गुजरात के मुख्यमंत्री पद से हटने संबंधी फैसला लेने के एक दिन बाद राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि किसी को बलि का बकरा बना देने से भाजपा स्वयं को राज्य में नहीं बचा पाएगी क्योंकि राज्य के जलने के लिए नरेंद्र मोदी का 13 साल का शासन जिम्मेदार है। गांधी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कहा, गुजरात के जलने के लिए आनंदीबेन का दो साल का शासन नहीं, बल्कि मोदी शासन के 13 साल जिम्मेदार हैं।
गडकरी अमेरिका की यात्रा पर,  अरबों डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर नजर

गडकरी अमेरिका की यात्रा पर, अरबों डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर नजर

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी रविवार को एक सप्ताह की अमेरिका की यात्रा पर आएंगे। उनकी यात्रा का लक्ष्य भारत के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अरबों डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करना और अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संबंधों को गति देना है।
चर्चाः कानून बनाओ, हजारों जान बचाओ | आलोक मेहता

चर्चाः कानून बनाओ, हजारों जान बचाओ | आलोक मेहता

नितिन गडकरी काबिल मंत्री होने के साथ अपनी स्पष्टवादिता के लिए भी मशहूर हैं। पार्टी हो या सरकार, जिस समय अधिकांश मंत्री-नेता अपनी सफलताओं के ढोल पीट रहे हैं, नितिन गडकरी ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर स्पष्ट शब्दों में माना कि ‘देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में हम विफल रहे हैं। हम दुःख के साथ स्वीकारते हुए सारे तथ्य और आंकड़ों की रिपोर्ट भी सार्वजनिक कर रहे हैं, क्योंकि दुनिया में सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं भारत में हो रही हैं। प्रतिदिन 1410 दुर्घटनाओं में से 400 लोग मर रहे हैं।’ उन्होंने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ‘भारत में सड़क दुर्घटना रिपोर्ट-2015’ को जारी किया।
न्‍यायपालिका के दखल से झल्‍लाए जेटली बोले, जीएसटी है राजनयिक मसला

न्‍यायपालिका के दखल से झल्‍लाए जेटली बोले, जीएसटी है राजनयिक मसला

मोदी सरकार के एक और मंत्री न्‍यायपालिका के सरकार के कामकाज में दखल से हताहत हैं। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बाद इस बार वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आवाज उठाई है।
कहानी - फिर भी यह मन

कहानी - फिर भी यह मन

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की रुद्रपुर तहसील के एक गांव सिलहटा में जन्म। बी.ए. तक की पढ़ाई गांव और गोरखपुर में। जवाहर लाल विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से हिन्दी साहित्य में एम.ए., एम.फिल और पी-एच.डी.। इन दिनों हालचाल, अनभै कथा, असुंदर सुंदर, बिल्कुल तुम्हारी तरह, कायांतरण कविता संग्रह। हिंदी के साथ-साथ भोजपुरी में भी लेखन। कुछ कविताएं अंग्रेजी, मराठी, उर्दू, उड़िया और पंजाबी में अनूदित। लंबी कविता सोनचिरई की कई नाट्य प्रस्तुतियां। आलोचना पर पुस्तकें - भारतीय समाज, राष्ट्रवाद और प्रेमचंद, शब्दों में समय, आलोचना का मानुष-मर्म, सर्जक का स्वप्न, विचारधारा, नए विमर्ष और समकालीन कविता, उपन्यास की परिधि। प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका ‘उम्मीद’ का संपादन। कविता के लिए भारत भूषण अग्रवाल सम्मान और आलोचना के लिए देवीशंकर अवस्थी सम्मान सहित हिंदी अकादमी दिल्ली का ‘कृति सम्मान’, उ.प्र. हिंदी संस्थान का ‘रामचंद्र शुक्ल पुरस्कार’, उ. प्र. हिंदी संस्थान का ‘विजयदेव नारायण साही पुरस्कार’, भारतीय भाषा परिषद्, कोलकाता का युवा पुरस्कार, डॉ. रामविलास शर्मा आलोचना सम्मान और परंपरा ऋतुराज सम्मान।
दो लाख किलोमीटर तक बढ़ाएंगे राष्ट्रीय राजमार्ग : गडकरी

दो लाख किलोमीटर तक बढ़ाएंगे राष्ट्रीय राजमार्ग : गडकरी

केंद्रीय भूतल परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि देश में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई को 96 हजार से बढ़ाकर दो लाख किलोमीटर करने का फैसला किया है।
टोल पर टालमटोल से जाम हुआ ट्रकों का चक्का

टोल पर टालमटोल से जाम हुआ ट्रकों का चक्का

ट्रक मालिक मौजूदा टोल प्रणाली के विरोध में आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के आह्वान पर गुरुवार सुबह से अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर चले गए। हालांकि दूध, सब्जी और दवा जैसी आवश्यक वस्तुओं को हड़ताल के दायरे से बाहर रखा गया है लेकिन हड़ताल जारी रहने की स्थिति में महंगाई बढ़ने की आशंका के साथ ही ट्रक मालिकों को प्रति 1500 करोड़ रुपये जबकि सरकार को 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने का अंदाजा लगाया गया है।
कांटों के बीच अपनों की चिंता

कांटों के बीच अपनों की चिंता

मनोज की कविताओं में समाज के विविध रंग दिखाई पड़ते हैं। परिवार के प्रति चिंता या अपनों की देखरेख की चिंता भी मनोज शब्दों में ऐसे बांधते हैं कि हर किसी को वह दुख साझा लगता है। सन 2008 के प्रतिष्ठित भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार के बाद भारतीय भाषा परिषद से तथापि जीवन नाम से काव्य संग्रह। कविताएं लिखने के अलावा अनुवाद के काम में संलग्न रहते हैं।
कूड़ेदान में डालो कूड़ा, पाओ मुफ्त वाईफाई कोड

कूड़ेदान में डालो कूड़ा, पाओ मुफ्त वाईफाई कोड

क्या हो यदि सार्वजनिक स्थान पर कचरे को निर्धारित जगह यानी डस्टबिन में डाला जाने लगे। कितना अहमकाना सवाल है। जाहिर है सभी जगह साफ-सफाई रहने लगेगी। लेकिन ऐसा कम ही लोग करते हैं। लेकिन यदि सार्वजनिक स्थानों पर डस्टबिन में कचरा फेंकने के एवज में मुफ्त वाईफाई की सुविधा मिलने लगे तो सोच कर देखिए माहौल कैसा हो जाएगा।
फिर आ जाएगा ‘धोना-सुखाना’ जमाना

फिर आ जाएगा ‘धोना-सुखाना’ जमाना

माहवारी का दर्द महिलाएं ही जान सकती हैं। और इस दौरान कपड़ों पर लगे दाग की परेशानी तो उनके लिए सिरदर्द ही होती है। एक सर्वेक्षण बताता है कि लगभग हर तीसरी महिला माहवारी आने वाले दिनों में अपने कपड़े पहनने में बदलाव करती हैं। यानी वे ऐसे कपड़े पहनना पसंद करती हैं जिन पर यदि अचानक माहवारी शुरू हो जाए तो दाग दिखाई न दे।
Advertisement
Advertisement
Advertisement