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सर्वदलीय बैठक में ही कांग्रेस ने अपना लिया था आक्रामक रूख

सर्वदलीय बैठक में ही कांग्रेस ने अपना लिया था आक्रामक रूख

संसद में गतिरोध कम करने के लिए सोमवार को हुई सर्वदलीय बैठक में ही कांग्रेस ने आक्रामक रूख अख्तियार कर लिया था। बैठक में कांग्रेस की ओर से साफ तौर पर कहा गया कि जब तक सरकार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मध्‍य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजस्‍थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का इस्तीफा नहीं मांगती तब तक संसद में कामकाज नहीं होने दिया जाएगा।
भाजपा संसद में व्यवधान खड़ा कर रही है : येचुरी

भाजपा संसद में व्यवधान खड़ा कर रही है : येचुरी

येचुरी ने भाजपा पर दोहरे मानदंड का आरोप लगाते हुए विपक्ष में रहने के दौरान भाजपा के कई उदाहरण गिनाए जब उसने ए राजा, दयानिधि मारन, शशि थरूर, पी के बंसल, अश्वनि कुमार और के नटवर सिंह जैसे संप्रग सरकार के मंत्रियों के इस्तीफे की मांग को लेकर संसद नहीं चलने दिया था।
हंगामे के बावजूद सरकार अब सदन में काम कराएगी

हंगामे के बावजूद सरकार अब सदन में काम कराएगी

ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार ने सोच लिया है कि संसद में विपक्षी दलों के हंगामे के बावजूद जरूरी विधायी कार्य निपटाएगी। इसकी एक बानगी शुक्रवार को लोकसभा में देखने को मिली जब कांग्रेस, वामदलों एवं कुछ अन्य विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बावजूद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने लोकसभा की कार्यवाही स्‍थगित नहीं की और प्रश्नकाल का संचालन होता रहा।
क्या मध्यवर्ग को गैस सब्सिडी और सांसदों को सस्ता खाना मिलना चाहिए ?

क्या मध्यवर्ग को गैस सब्सिडी और सांसदों को सस्ता खाना मिलना चाहिए ?

पिछले साल भर में दस लाख से ज्यादा भारतवासियों ने स्वेच्छा से अपनी रसोई गैस सब्सिडी छोड़ी। एक विकासशील देश में मोदी सरकार ने इन लोगों को इसके लिए प्रेरित करने का अभियान यह कहते हुए छेड़ा कि पैसा ज्यादा जरूरतमंद लोगों तक पहुंचना चाहिए। सरकारी अनुदानों के बारे में आख्यान बदलने का यह प्रयास नई राह बनाता है। ज्यादातर सब्सिडी कम जरूरतमंद लोग चट कर गए हैं, इसके बारे में बहुत सार्वजनिक विमर्श हुआ है।
संसद में 64 विधेयक लंबित

संसद में 64 विधेयक लंबित

विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक सहित 64 विधेयक संसद में विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं। विधायी घटनाक्रम पर नजर रखने वाले एक अध्ययन समूह ने ये जानकारी दी है।
भूकंप ने बदल दी सियासत

भूकंप ने बदल दी सियासत

काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के बाद जब वहां के स्थानीय समाचार पत्रों पर नजर दौड़ाई तो पाया कि भूकंप की त्रासदी की चर्चा कम, संविधान की चर्चा ज्यादा है। हवाई अड्डे से बाहर निकलने के बाद बातचीत के क्रम में जब लोगों से जानना चाहा कि अब भूकंप के बाद क्या‍ स्थिति है तो लोग भूकंप की बजाय देश के संविधान पर बात ज्यादा कर रहे थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक अगर भूकंप नहीं आता तो शायद राजनीतिक दल संविधान को लेकर इतनी जल्दी सक्रिय नहीं होते।
क्या ओली हो जाएंगे नेपाल के प्रधानमंत्री

क्या ओली हो जाएंगे नेपाल के प्रधानमंत्री

नेपाल में अर्से से लंबित संविधान क्या इस माह के अंत तक लागू हो पाएगा इसको लेकर नेपाल के सियासी गलियारे में चर्चाएं तेज हैं। क्योंकि संविधान लागू होते ही नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के साथ हुए समझौते के मुताबिक सीपीएन-यूएमएल के नेतृत्व में नई सरकार का गठन होगा और इसके नेता केपी ओली नेपाल के नए प्रधानमंत्री बनेंगे।
जीएसटी बिल और सुषमा-राजे पर कोई सौदा नहींः कांग्रेस

जीएसटी बिल और सुषमा-राजे पर कोई सौदा नहींः कांग्रेस

कांग्रेस ने इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है कि संसद में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित करने का रास्ता साफ करने के लिए उसका भारतीय जनता पार्टी या सरकार से कोई सौदा हुआ है।
हिंदू राष्ट्र नहीं धर्मनिरपेक्ष होगा नेपाल

हिंदू राष्ट्र नहीं धर्मनिरपेक्ष होगा नेपाल

नेपाल के राजनीतिक दल नए संविधान को अंगीकार करने के मुहाने पर पहुंच गए हैं। नेपाल की संविधान मसौदा समिति ने एक बड़ी सफलता के तहत लंबे समय से लंबित संविधान के प्रथम मसौदे को मंजूरी दे दी है। इस संविधान के लागू हो जाने पर नेपाल को एक धर्मनिरपेक्ष, समावेशी और विविध जातीय देश के रूप में पहली बार मान्यता मिलेगी।
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