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कैंपस से निकली विचारों की आंधी

कैंपस से निकली विचारों की आंधी

छात्र राजनीति का इतिहास बहुत पुराना है। राष्ट्र के नव-निर्माण से लेकर आज तक यह जारी है। हाल में भारत के विश्वविद्यालयों से एक आंधी उठी है जो हो सकता है देश की राजनीति के लिए बवंडर साबित हो
तेरे बिन ही ठीक थे लादेन

तेरे बिन ही ठीक थे लादेन

इस फिल्म का सीक्वेल देखने के बाद इच्छा होती है कि संविधान में संशोधन कर एक नियम डाला जाए कि पकाऊ सीक्वेल बनाने पर सजा का प्रावधान हो।
नजरिये का नहीं, मतिभ्रम का रेल बजटः विपक्ष

नजरिये का नहीं, मतिभ्रम का रेल बजटः विपक्ष

रेल मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के लिए दूसरी बार पेश रेल बजट को पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने यह कहकर खारिज कर दिया कि रेल बजट में नजरिया पेश करने का बयान होता है लेकिन इसमें तो रेल मंत्री मतिभ्रम वाला बयान दिया है। पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने कहा कि भाजपा ने बहुत हल्का बजट पेश करते हुए पूरी रेल व्यवस्‍था को ही पटरी से उतार दिया, इसमें कुछ नयापन नहीं था।
भारत-पाकिस्तान की रिदम

भारत-पाकिस्तान की रिदम

देश में चाहे जितना भी गदर मचा हो मगर कला की दुनिया कभी सरहद नहीं मानती। नई फिल्म रिदम के प्रमोशन के लिए पाकिस्तान के कलाकार भारत आए हैं और उन्हें यह देश भी अपने घर की तरह ही लगता है।
अक्षय सौ करोड़ी की हैट्रिक से भी आगे

अक्षय सौ करोड़ी की हैट्रिक से भी आगे

अक्षय कुमार असली ‘खिलाड़ी’ साबित हो रहे हैं। एयरलिफ्ट को मिला लें तो यह चौथी फिल्म है जिसने सौ करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है। हाउसफुल, राउडी राठौड़, हॉलीडे ने सौ करोड़ रुपये कमाए थे।
गांधी: बस नाम ही बाकी है

गांधी: बस नाम ही बाकी है

राष्ट्रपिता के रूप में ख्याति पाने वाले शख्स के नाम पर पूरे भारत में ढेरों संस्थाएं हैं, जिनका बस 'नाम’ ही बाकी रह गया है
खिड़कियां थिएटर उत्सव

खिड़कियां थिएटर उत्सव

मुंबई में खिड़कियां थिएटर उत्सव की धूम रहती है। रंगमंच के कलाकारों के साथ बॉलीवुड के सितारे में इसमें शामिल होना गर्व समझते हैं।
रामदरश मिश्र की कहानी - साढ़ेसाती

रामदरश मिश्र की कहानी - साढ़ेसाती

सन 1951 में पहला काव्य संग्रह पथ के गीत का प्रकाशन। तब से निरंतर रचना कर्म में सक्रीय। आग की हंसी के लिए सन 2015 का साहित्य अकादमी सम्मान। कविता, उपन्यास, कहानी, ललित निबंध, आत्मकथा, आलोचना, यात्रावृत्तांत, डायरी, समीक्षा, संस्मरण आदि सभी विधाओं में लेखन। दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान, शलाका सम्मान, महापंडित राहुल सांकृत्यायन सम्मान, व्यास सम्मान सहित कई पुरस्कार एवं सम्मान।
उपन्यास अंश - पच्चीस वर्ग गज

उपन्यास अंश - पच्चीस वर्ग गज

अर्पण कुमार का यह उपन्यास दिल्ली की पृष्ठभूमि पर लिखा गया है। अर्पण कुमार मूलतः कवि हैं, यह लेखक का पहला उपन्यास है। इस उपन्यास में दिल्ली की अलग छवि सामने आएगी। दिल्ली को दूसरे नजरिये से देखा जाता है यह उपन्यास इस शहर को नई दृष्टि देगा।