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बिहार इफेक्टः शेयर बाजार धड़ाम, रुपये ने लगाया गोता

बिहार इफेक्टः शेयर बाजार धड़ाम, रुपये ने लगाया गोता

बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा नीत राजग की करारी हार के बाद पहले कारोबारी दिन बॉम्बे शेयर बाजार का सूचकांक शुरुआती कारोबार में 608 अंक टूटकर 26,000 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 180 अंक टूटकर 7,800 के स्तर से नीचे आ गया।
इस्तेकबाल के लिए तैयार काजीरंगा

इस्तेकबाल के लिए तैयार काजीरंगा

मानसून के दौरान बंद रहने के बाद कल काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान पर्यटकों के लिए फिर खुल जाएगा। सर्दी के मौसम में यहां पर्यटकों के लिए खासी सुविधाएं रहती हैं और हाथी सफारी यहां का मुख्य आकर्षण है।
तिरंगे का अपमान करने के मामले में हार्दिक गिरफ्तार

तिरंगे का अपमान करने के मामले में हार्दिक गिरफ्तार

राष्ट्र ध्वज का कथित तौर पर अपमान करने के मामले में पाधारी पुलिस थाने में एक एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को आज राजकोट पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वह पहले से ही पुलिस की हिरासत में थे।
अजान हो तो रोक दो मंदिर की घंटियां

अजान हो तो रोक दो मंदिर की घंटियां

खुलना से ढाका की ओर मैंने जब रवानगी डाली तो दिन के दो बज रहे थे। खुलना से ढाका की दूरी मात्र 132 किलोमीटर है। लेकिन यह 132 किलोमीटर का सफर तय करने में मुझे पूरे नौ घंटे लगे। बीच में गंगा नदी को भी पार करना होता है, जो यहां आकर पद्मा बन जाती है। इस नदी पर कोई पुल नहीं है। बस, ट्रक, रिक्शे, सभी एक बड़े शिप पर सवार होते हैं और फिर उस पार पहुंचा दिए जाते हैं।
शांति का नोबेल ट्यूनिशिया नेशनल डायलॉग क्वार्टेट को

शांति का नोबेल ट्यूनिशिया नेशनल डायलॉग क्वार्टेट को

वर्ष 2015 का नोबेल शांति पुरस्कार किसी व्यक्ति को न देकर ट्यूनिशिया के नेशनल डायलॉग क्वार्टेट (राष्ट्रीय संवाद चतुष्टक) को देने की घोषणा की गई है। वर्ष 2011 में ट्यूनिशिया में हुई जैसमिन क्रांति के बाद देश में बहुलवादी लोकतंत्र की स्‍थापना में इस डायलॉग क्वार्टेट की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
वीरेन डंगवाल और साथ चलता कंधे का अदृश्य झोला

वीरेन डंगवाल और साथ चलता कंधे का अदृश्य झोला

हिंदी के मशहूर यारबाश कवि वीरेन डंगवाल हमारे बीच नहीं रहे। आउटलुक ने अगस्त, 2013 में दिल्ली में उनसे लंबी बातचीत का समां बांधा था। इसमें पुरानी मिठास की चाशनी के साथ सिरों को जोड़ने का जिम्मा उठाया था उनके पुराने दिनों के साथी, वरिष्ठ कवि मंगलेश डबराल ने। आज हम सब जब वीरेन डंगवाल के जाने से बेहद दुखी है, उन्हें शिद्दत से याद करने का सिलसिला जारी है। हम उनसे हुई इस महत्वपूर्ण बातचीत फिर से साझा कर रहे हैं। कैंसर से जूझ रहे इस जिंदादिल कवि ने कितने गहरे सरोकारों की पोटली, जीवन दर्शन, 70 के दशक की बेचैनी, युवा पीढ़ी की सृजनशीलता...और भी बहुत कुछ जो जरूरी और बिसरा हुआ है, सबको पूरे अपनी संवेदना के साथ रखा था। इस संवाद से फिर-फिर गुजरकर, हाथ कुछ मोती ही लगेंगे---भाषा
उजले दिनों के कासिद वीरेन डंगवाल नहीं रहे

उजले दिनों के कासिद वीरेन डंगवाल नहीं रहे

अपनी कर्मभूमि बरेली में आज सुबह अंतिम सांसे ली, हिंदी के हस्ताक्षर कवि वीरेन डंगवाल ने। पिछले कुछ सालों से वह मुंह के कैंसर से बहादुराना लड़ाई लड़ रहे थे।
बाजार में भारी गिरावट, निवेशकों को एक लाख करोड़ का नुकसान

बाजार में भारी गिरावट, निवेशकों को एक लाख करोड़ का नुकसान

शेयर बाजारों में तेज गिरावट के चलते आज निवेशकों की कुल संपत्ति एक लाख करोड़ रुपये से अधिक घट गई। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 1.36 लाख करोड़ रुपये से घटकर 93.33 लाख करोड़ रुपये रह गया।
सुरंग में फंसे दो मजदूर बचाए गए, तीसरे के लिए प्रयास जारी

सुरंग में फंसे दो मजदूर बचाए गए, तीसरे के लिए प्रयास जारी

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के पास एक सुरंग धंसने के कारण उसमें फंसे तीन मजदूरों में से दो को कई दिनों के प्रयास के बाद आज सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। हालांकि अब भी एक मजदूर के सुरंग के अंदर ही मलबे में फंसे होने की आशंका है।
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