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एनजीटी ने गंगा किनारे को 'नो डेवलपमेंट जोन' घोषित किया

एनजीटी ने गंगा किनारे को 'नो डेवलपमेंट जोन' घोषित किया

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गंगा की सफाई को लेकर गुरुवार को एक अहम फैसला सुनाया है। एनजीटी ने साफ कर दिया है कि गंगा के किनारे 100 मीटर तक किसी तरह का निर्माण कार्य नहीं होगा।
एशियाई डेवलपमेंट बैंक और उत्तर प्रदेश के बीच 2782 करोड़ रूपये का ऋण करार

एशियाई डेवलपमेंट बैंक और उत्तर प्रदेश के बीच 2782 करोड़ रूपये का ऋण करार

एशियाई डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में उत्तर प्रदेश के साथ 2782 करोड़ रुपए के ऋण अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
भाजपा विधायक का मोदी सरकार पर बड़ा हमला: कहा, ‘विकास केवल अडाणी-अंबानी का हो रहा, किसान बदहाल हैं’

भाजपा विधायक का मोदी सरकार पर बड़ा हमला: कहा, ‘विकास केवल अडाणी-अंबानी का हो रहा, किसान बदहाल हैं’

राजस्थान के भाजपा विधायक ने मोदी सरकार की जमकर आलोचना की है। विधायक ने कहा कि एक भी किसान ऐसा नहीं है जिस पर कर्ज न हो। किसान अपने दूध सड़क पर फेंक रहा है। बेरोजगारी बढ़ रही है।
अनिल माधव दवे: बिना कुछ कहे गुजर गया 'नर्मदा समग्र' का यात्री

अनिल माधव दवे: बिना कुछ कहे गुजर गया 'नर्मदा समग्र' का यात्री

अनिल माधव दवे देश के पर्यावरण मंत्री बनने से पहले पर्यावरण के समर्पित कार्यकर्ता थे। सैकड़ों-हजारों वर्षों से चली आ रही नर्मदा यात्रा को उन्होंने समग्र दृष्टिकाेेेण दिया था। लेकिन नर्मदा पु्त्र दवे की जीवन यात्रा पर इतनी छोटी होगी, किसी को आभास नहीं था।
अहंकारी को मां नर्मदा जमीन पर ला देती है: पीएम मोदी

अहंकारी को मां नर्मदा जमीन पर ला देती है: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मां नर्मदा अहंकारी आदमी को जमीन पर ला पटकती है। मध्‍य प्रदेश की पावन नगरी अमरकंटक में पीएम मोदी ने कहा कि हम तीर्थ यात्रा कर नहीं सकते है लेकिन किसी तीर्थ यात्री को प्रणाम कर ले तो यात्रा का पुण्य प्राप्त होता है। मैं आप सभी यात्रियों को प्रमाण कर एक तरह से पुण्य कमाने आया हूं।
भारत में 95 प्रतिशत इंजीनियर साफ्टवेयर विकास कार्य के लायक नहीं

भारत में 95 प्रतिशत इंजीनियर साफ्टवेयर विकास कार्य के लायक नहीं

एक सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि भारत में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके निकलने वाले 95 प्रतिशत इंजीनियर साफ्टवेयर विकास कार्य करने लायक नहीं होते हैं। सर्वेक्षण देश के आईटी व डेटा विज्ञान परिदृश्य में प्रतिभाओं की भारी कमी की ओर संकेत करता है।
वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करेंगे: मोदी

वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करेंगे: मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के आधुनिक तकनीक अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का फैसला किया है, जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करेगा।
मानसून सत्र में पेश होगा खेल विधेयक: गोयल

मानसून सत्र में पेश होगा खेल विधेयक: गोयल

काफी समय से लंबित पड़ा राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक मानसून सत्र में संसद में पेश होगा और खेलमंत्री विजय गोयल ने चेताया है कि इसका पालन नहीं करने पर राष्ट्रीय खेल महासंघों को सरकार से कुछ नहीं मिलेगा।
दिल्ली सरकार के अधिकारों की जंग सुप्रीम कोर्ट पहुंची

दिल्ली सरकार के अधिकारों की जंग सुप्रीम कोर्ट पहुंची

दिल्ली के अधिकारों को लेकर आप सरकार और उपराज्यपाल की जंग सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। कोर्ट ने गर्मियों की छुट्टियों के बाद इस मसले को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के हवाले करने की बात कही है।
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य संगठन 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाता है। ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ के मौके पर अगर हम विभिन्न देशों के विकास, रहन-सहन और सेहत पर कोई टिप्पणी करें तो उसमें हमें मलावी की रंजकहीनता पर जरुर कुछ जानने की जरुरत है। कैसे यह देश रंजकहीनता की त्रासदी झेल रहा है। विकास के ढेकेदार आधुनिकता के लाख दावे कर लें पर अभी भी इस जहां में कितने लोग ऐसे हैं जो एक सामान्य जीवन को पाने को तरस रहे हैं। पिछले कई सालों में देश-विदेश हर जगह कई ऐसी बीमारियों के बारे में सुनने को मिला, जिसका नाम हमने पहले कभी नहीं सुना था जैसे इबोला, चिकनगुनिया, बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू आदि। इन बीमारियों ने देश-विदेश हर जगह लोगों के बीच अपना पांव पसार लिया है। इन बीमारियों से ग्रसित लोगों की परेशानियों और मृत्यु दर के आंकड़ों को देखकर यह अनुमान लगाया गया कि ये रोग कितने घातक साबित हो रहे हैं। ऐसी बीमारियों से पीड़ित लोग इनके बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण या फिर गलत इलाज होने के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं। ऐसा कहा जाना गलत न होगा कि कुछ देशों की खुशहाली पूरे दुनिया की रौनक नहीं कही जा सकती। आज भी कहीं-कहीं मानव समाज में गरीबी, भूख, कुपोषण का घनघोर अंधेरा व्याप्त है। इसी बानगी में आप मलावी की रंजकहीनता को जानेंगे तो आपको निराशा होगी।
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