'आवारा भीड़ के खतरे' नामक शीर्षक के अपने निबंध में हिन्दी साहित्य जगत के मूर्धन्य निबंधकार हरिशंकर परसाई जी लिखते हैं, "दिशाहीन, बेकार, हताश, नकार वादी और विध्वंस वादी युवकों की यह भीड़ खतरनाक होती। इसका उपयोग खतरनाक विचारधारा वाले व्यक्ति या समूह कर सकते हैं। इसी भीड़ का उपयोग नेपोलियन, हिटलर और मुसोलिनी जैसे लोगों ने किया था।"
मॉब लिचिंग के खिलाफ देशभर में बुधवार को प्रदर्शन हुआ। सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार, सहित फिल्मी जगत के लोगों ने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों का पुरजोर विरोध किया। साथ ही मॉब लिचिंग के खिलाफ कानून बनाने की मांग रखी।
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले पर कहा कि माता-पिता के फैसले मानने के लिए लड़कियां अपना प्यार तक कुर्बान कर देती हैं। प्रेमिका की हत्या के मामले में उम्रकैद काट रहे व्यक्ति को बरी करते हुए कोर्ट ने यह टिप्पणी की है।
अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने अपने एक लेख में कहा है कि देश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब शांति की अपील करने वाले बयानों को देशद्रोह का नाम दिया जा रहा है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में ब्रेकफास्ट-लंच नहीं दिए जाने का मसला सोशल मीडिया पर गरमा रहा है। प्रशासन पहले ऐसी किसी घटना से इंकार करता रहा, लेकिन तथ्य सामने आने के बाद नया आदेश जारी किया गया। अब छुट्टियां शुरू होने तक छात्रों की मांग पर दोपहर का खाना उपलब्ध कराया जाएगा।
कोई शख्स अपने मां-बाप की जान कैसे ले सकता है? सिर्फ संपत्ति के लिए इतनी क्रूरता कैसे जाग सकती है? बीती रात एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। एक शख्स ने अपने ही मां-बाप पर गोलियां चला दी।