उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में शर्मनाक पराजय के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अपने बेटे अखिलेश यादव का बचाव करते हुए सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने कहा कि हार के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है।
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना यादव ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अलग होने की बात उन्होंने कभी नहीं सोची थी लेकिन उन्हें लगता है कि अखिलेश को किसी ने गुमराह किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन पर अपने हमले को और धार देते हुए कहा कि पहले चरण का मतदान बताता है कि कितने भी गठबंधन कर लो, लेकिन पाप धुलने वाले नहीं हैं।
यूपी चुनाव से पहले मुलायम सिंह यादव का ताजा बयान बेटे अखिलेश यादव के साथ ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के लिए भी बड़ा मददगार हो सकता है। पहले सपा-कांग्रेस के गठबंधन पर नाराजगी जाहिर कर चुके नेताजी अब नरम पड़ते हुए गठबंधन के लिए प्रचार पर हामी कर दी है।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने अपनी पार्टी के आसन्न उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा करने की बात को दोहराते हुए कहा कि वे समाजवादी शक्ति की जीत सुनिश्चित करने के लिए अखिलेश यादव के पक्ष में प्रचार करेंगे।
सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के नेताओं के बीच बंद कमरे में चर्चाओं का दौर चला। मसला उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों के चयन और कांग्रेस के साथ गठजोड़ की औपचारिकताओं को पूरा करने का था। पहले चरण के चुनाव की प्रक्रिया के तहत नामांकन पत्रा भरने की शुरूआत हो चुकी है।
यूपी में मुलायम सिंह यादव गुट को पटखनी देने के लिए अखिलेश यादव हर दांव अपनाने को तैयार है। अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ गठबंधन की रणनीति को अंतिम रूप दे रहे हैं। राहुल गांधी ने भी उत्तर प्रदेश के प्रभारी गुलाम नबी आजाद को गठबंधन के लिए बातचीत करने के लिए कह दिया है।
मुलायम और अखिलेश यादव के खेमे ने सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल पर दावा करने के लिए चुनाव आयोग के पास दलीलें पेश की। हालांकि, आयोग ने इस मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।