Advertisement

Search Result : "Mother s Day"

दूध से भी दूर नहीं होगी कुपोषण की समस्या

दूध से भी दूर नहीं होगी कुपोषण की समस्या

उत्तर प्रदेश सरकार ने एक फरमान जारी किया कि मध्यान्ह भोजन के साथ-साथ बच्चों को दूध दिया जाए ताकि कुपोषण दूर कर सेहतमंद बनाया जा सके। लेकिन हफ्ते में एक दिन दूध देने से क्या कुपोषण की समस्या दूर हो पाएगी इसको लेकर सवाल उठने लगे हैं। क्योंकि हफ्ते में एक दिन दूध वह भी कई स्कूलों में नहीं मिल रहा है तो कई जगह खराब मिल रहा है।
मिठास सरहदों की मोहताज नहीं

मिठास सरहदों की मोहताज नहीं

दूध-खोए की बनी मिठाइयां सत्ता हठ के चलते सरहदों की मोहताज हो सकती हैं लेकिन रिश्तों की मिठास किसी लकीर और सरहद की मोहताज नहीं। राजनयिक संबंधों में तनातनी के चलते इस दफा बेशक सरहद पर दोनों देशों ने एक-दूसरे को मिठाइयां नहीं दीं लेकिन इस पार और उस पार के लोगों ने इस रवायत को कायम रखते हुए बता दिया कि दिलों के रिश्ते सरहदी कांटेदार तारों से नहीं काटे जा सकते।
पुराने वादे भूले मोदी, जादू हुआ कम

पुराने वादे भूले मोदी, जादू हुआ कम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले के प्राचीर से जब अपना दूसरा भाषण दे रहे थे तो वह जोश नजर नही आ रहा था जो एक साल पहले था। नरेंद्र मोदी के आज के भाषण में जो नई घोषणाएं थी उसको लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर साल 2014 में 15 अगस्त को जो वादा किया था उसका क्या हुआ।
यूपी में पत्रकार की मां को जिंदा जलाया, पुलिस पर आरोप

यूपी में पत्रकार की मां को जिंदा जलाया, पुलिस पर आरोप

यूपी में पत्रकार जगेंद्र सिंह के बाद अब एक पत्रकार की मां को कथित तौर पर जिंदा जलाकर मार डालने का मामला सामने आया है। दो पुलिसवालों पर रेप की कोशिश और जिंदा जलाने का आरोप लगाने वाली इस महिला ने आज सुबह दम तोड़ दिया।
सेवा की जीवंत मिसाल थीं सिस्टर निर्मला

सेवा की जीवंत मिसाल थीं सिस्टर निर्मला

नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा के बाद मिशनरीज आफ चैरिटी का काम-काज संभालने वाली सिस्टर निर्मला जोशी का पूरा जीवन गरीबों और समाज के पिछड़े तबके के लोगों के उत्थान के प्रति ही समर्पित रहा। प्रचार और सुर्खियों से कोसों दूर रहने वाली सिस्टर निर्मला में प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सच के साथ खड़े रहने का साहस था। उन्होंने कभी किसी गलत आरोप या अफवाह के सामने सिर नहीं झुकाया। बातचीत में तो इतनी विनम्र कि एकबार उनसे मुलाकात करने वाला उनका मुरीद बन जाता था।
करोड़ों रुपये योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर स्वाहा

करोड़ों रुपये योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर स्वाहा

करोड़ों रुपये योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर स्वाहा हो गए। सरकार ने ब्रांडिग कर यह दिखाना चाहा कि भारत इसके लिए कितना गंभीर है। लेकिन इस दिवस के अवसर को कुछ लोगों ने मजाक के रुप में लिया तो कुछ ने इसे सियासत के तौर पर देखा। सोशल मीडिया पर भी योग दिवस को लोगों ने अलग-अलग तरीके से परिभाषित किया।
Advertisement
Advertisement
Advertisement