डब्ल्यूएचओ ने शनिवार को गुजरात के अहमदाबाद में मच्छर जनित जीका वायरस से जुड़े तीन मामलों के होने की पुष्टि की है। बताया गया कि इन तीन मामलों में एक गर्भवती महिला भी शामिल हैं।
दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में एक बार फिर लूट और हत्या का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक अपराधियों ने एक परिवार से लूटपाट की है। लूटपाट का विरोध करने पर एक व्यक्ति की हत्या भी कर दी गई।
उत्तर प्रदेश में भाजपा नेता और हिंदूवादी संगठनों की गुंडागर्दी के दो मामले सामने आए हैं। एक मामले में बजरंग दल के लोगों पर दो युवकों की सरेआम पिटाई का आरोप है, जबकि दूसरा मामला भाजपा के सांसद से जुड़ा हुआ है। सासंद पर आरोप है कि उन्होंने एक शख्स के साथ मारपीट की है।
देश में आए दिन महिलाओं पर होने वाले यौन अपराधों का मामला सामने आता रहता है। शायद ही कोई ऐसा दिन होगा, जब इस तरह की कोई खबर पढ़ने और सुनने को न मिले। एक ऐसा ही मामला केरल में भी सामने आया जहां, महिला ने आत्मरक्षा के लिए बलात्कार करने वाले उस शख्स। के जननांगों को ही काट दिया।
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का फैसला आने के बाद कई सवाल भी उठने लगे हैं। एक तरफ जहां भारत इसे अपनी रणनीतिक जीत की तरह देख रहा है तो वहीं पाकिस्तान के द्वारा इस फैसले को मानने अथवा नहीं मानने पर भी संशय जारी है। ऐसे में उन घटनाओं की ओर ध्यान जाना लाजिमी है जब अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय अदालत के निर्णयों को अमल नहीं किया।
हरियाणा के रोहतक से निर्भया जैसी दर्दनाक घटना सामने आई है। सोनीपत की 23 वर्षीय युवती का अपहरण कर उसके साथ गैंगरेप किया और बर्बरता की सारी हदें पार कर दी गईं।
सुप्रीम कोर्ट ने आज निर्भया मामले में चार दोषियों की अपील पर हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए फांसी की सजा को बरकरार रखी है। फैसले के दौरान निर्भया के माता-पिता भी कोर्ट में मौजूद थे।
निर्भया बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा पाने वाले दोषियों के वकीलों ने शुक्रवार को कहा कि जनता के दबाव में आकर ही उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को बरकार रखा है।
दिल्ली के एक स्कूल द्वारा एक रेप पीड़ित छात्रा को एडमिशन नहीं देने का मामला सामने आया है। छात्रा के परिजनों ने स्कूल पर आरोप लगाया है कि उनकी बेटी को प्रवेश देने से स्कूल ने इंकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आज तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह का मुद्दा संवैधानिक पीठ के पास भेज दिया है। कोर्ट ने इन मामलों की सुनवाई के लिए 11 मई की तारीख तय की है, जो पांच जजों की संवैधानिक पीठ करेगी। पीठ लगातार चार दिनों तक इस मामले पर दोनों पक्ष को सुनेंगे। कोर्ट ने कहा है कि दोनों पक्ष चार सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करें।