उत्तराखंड सरकार ने यात्रियों को जोशीमठ से लेकर बद्रीनाथ धाम तक की यात्रा से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एंड्रायड आधारित मोबाइल एप्लीकेशन जारी की है।
गुजरात के सरकारी स्कूलों के बाद अब हरियाणा के सरकारी स्कूलों में भी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) समर्थित दीनानाथ बतरा की किताबें पढ़ाई जाएंगी। ‘नैतिक विज्ञान’ विषय नाम से ये किताबें तमाम सरकारी स्कूलों में अगले सत्र से लागू कर दी जाएंगी। दीनानाथ बतरा ‘शिक्षा बचाओ आंदोलन’ के कनवीनर हैं। माना जाता है कि यह आरएसएस समर्थित आंदोलन है।
पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हार्दिक पटेल को हिरासत में लिए जाने के बाद गुजरात सरकार ने कानून व्यवस्था से निबटने और किसी अफवाह को फैलने से रोकने के लिए समूचे गुजरात में मोबाइल इंटरनेट सेवा पर आज रोक लगा दी।
भारती एयरटेल ने चुनिंदा शहरों में परीक्षण के बाद आज देश भर में 296 शहरों में वाणिज्यिक तौर पर 4जी सेवाएं पेश कर दीं। दूरसंचार कंपनी ने अप्रैल, 2012 में कोलकाता में देश में पहली बार 4जी नेटवर्क पेश किया था।
जैसे ही महिला को पकड़े जाने का अंदेशा हुआ वह परीक्षा कक्ष से भाग गई। महिला और शांति कश्यप द्वारा जमा की गई तस्वीरों का मिलान किया गया, इससे साफ हो गया कि छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप की पत्नी की जगह कोई और महिला परीक्षा दे रही थी।
भारत में निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का कानून लागू है। सरकारी कार्यालयों में चाय पहुंचाते बच्चों को देख कर ये बखूबी जाना जा सकता है कि हमारे देश में ये कानून किस तरह लागू है। शिक्षा न तो निशुल्क है और न ही अनिवार्य। निजी विद्यालयों में मोटी फीस वसूलते हैं, सरकारी विद्यालय भी किसी न किसी बहाने कुछ पैसा वसूल ही लेते हैं।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े एक संगठन ने शिक्षा नीति में बदलाव कर संस्कृत या अन्य शास्त्रीय भाषाओं जैसे अरबी, फारसी, लैटिन और ग्रीक को कम से कम चार वर्ष तक स्कूली शिक्षा में अनिवार्य बनाने की सलाह दी है।
मुंबई की लाइफ लाइन लोकल में सफर करना कितना मुश्किलों भरा रहता है यह किसी से छुपा हुआ नहीं है। सैकड़ों लटके हुए यात्रियों को देख कर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन ट्रेन से सफर करने से पहले टिकट खरीदने के लिए भी कम ‘सफर’ नहीं करना पड़ता।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार, गृह मंत्रालय भारतीय एनजीओ को मिलने वाले विदेशी अनुदान पर नियम-कायदों का शिकंजा कसने के लिए एक नया तंत्र विकसित करने जा रहा है, जिसकी घोषणा 15 जून तक हो सकती है। इस नई नियामक व्यवस्था में खुफिया ब्यूरो, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और गृह मंत्रालय की एफसीआरए विंग के बीच मजबूत तालमेल रहेगा। विदेशी अनुदान हासिल करने वाले सभी गैर-सरकारी संगठनों को एक वेबसाइट बनानी होगी और फंड हासिल करने के 48 घंटे के अंदर इसकी जानकारी सार्वजनिक कर अपनी गतिविधियों और सहयोगी संस्थाओं की पूरी जानकारी देनी पड़ेगी।